AI- AI बनाम कॉपीराइट: DNPA ने कहा – कंटेंट क्रिएटर्स के अधिकारों का हो सम्मान

AI- आजकल हर जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की चर्चा हो रही है। यह टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी को आसान बना रही है, लेकिन इसके साथ कुछ गंभीर सवाल भी उठ रहे हैं – खासकर जब बात आती है कॉपीराइट और कंटेंट क्रिएटर्स के हक की।

इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने AI मॉडल्स की ट्रेनिंग और कॉपीराइट कानूनों के बीच के जटिल संबंधों की समीक्षा की पहल शुरू की है। इस सराहनीय कदम का स्वागत किया है डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने। DNPA का कहना है कि यह पहल उन कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक राहत की उम्मीद लेकर आई है, जिनकी मेहनत और अधिकार AI सिस्टम्स में बिना अनुमति इस्तेमाल हो रहे हैं।

DNPA की चिंता – बिना इजाज़त इस्तेमाल हो रहा है डिजिटल कंटेंट

DNPA ने इस बात पर जोर दिया है कि कई AI मॉडल्स, विशेष रूप से जनरेटिव AI टूल्स, डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स के कंटेंट को बिना अनुमति और मुआवज़ा दिए इस्तेमाल कर रहे हैं। ये मॉडल इंटरनेट से भारी मात्रा में डेटा स्क्रैप करके ट्रेनिंग लेते हैं, जिसमें न्यूज वेबसाइट्स की आर्टिकल्स, रिपोर्ट्स और ओरिजिनल कंटेंट भी शामिल होता है।

DNPA का मानना है कि यह केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि कंटेंट राइट्स का उल्लंघन है। बिना अनुमति उपयोग से न सिर्फ पत्रकारों की मेहनत की अनदेखी होती है, बल्कि उनकी आय और अस्तित्व पर भी असर पड़ता है।AI

सरकार से उम्मीदें – संतुलन की ओर एक मजबूत कदम

DNPA ने सरकार से आग्रह किया है कि वह एक ऐसा नियामक ढांचा बनाए जो टेक्नोलॉजी के विकास और कंटेंट क्रिएटर्स के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखे। उन्हें उम्मीद है कि इस समीक्षा के ज़रिए एक ऐसा रास्ता निकलेगा जहां AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए कंटेंट का इस्तेमाल प्रामाणिक अनुमति और उचित मुआवज़े के साथ किया जाए।

DNPA यह भी चाहती है कि सरकार ऐसे नियम लागू करे जिससे कंटेंट पब्लिशर्स को उनकी सामग्री के उपयोग पर नियंत्रण और पारदर्शिता मिल सके। साथ ही, इससे भविष्य में होने वाले कॉपीराइट विवादों को रोका जा सकेगा।AI

DNPA की सक्रिय भागीदारी – सिर्फ विरोध नहीं, समाधान भी

यह सराहनीय है कि DNPA सिर्फ समस्याओं की ओर इशारा नहीं कर रही, बल्कि उन्होंने इस नीति निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी भी निभाई है। उन्होंने पहले भी ANI बनाम OpenAI मामले में हस्तक्षेप कर एक मिसाल कायम की थी, जहाँ न्यूज़ कंटेंट को बिना इजाज़त AI ट्रेनिंग में इस्तेमाल किया गया था।

DNPA का यह रुख दर्शाता है कि वह टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं, बल्कि एक न्यायपूर्ण और संतुलित टेक्नोलॉजी के पक्ष में है – जहाँ कंटेंट क्रिएटर्स का हक सुरक्षित हो और AI का विकास भी बिना रुकावट हो सके।

निष्कर्ष – टेक्नोलॉजी के साथ न्याय भी जरूरी है

AI का इस्तेमाल ज़रूरी है, लेकिन उसके साथ ज़रूरी है कंटेंट क्रिएटर्स की मेहनत और अधिकारों का सम्मान भी। DNPA का यह कदम पूरे मीडिया जगत के लिए उम्मीद की किरण बन सकता है। सरकार की पहल और DNPA की जागरूकता से उम्मीद है कि एक ऐसा मॉडल बनेगा, जहां इनोवेशन और इंसाफ साथ-साथ चलें।

डिस्क्लेमर:- यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी और DNPA के आधिकारिक बयानों पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार किसी कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिए जाने चाहिए। AI और कॉपीराइट संबंधित नियम भविष्य में बदल सकते हैं, इसलिए अपडेटेड स्रोतों से जानकारी लेते रहना आवश्यक है।

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Rishant Verma