Diwali :जीएसटी में बदलाव से महंगे सामान होंगे सस्ते, जानें कब से मिलेगा फायदा

Diwali : भारत की 79वीं स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसी खुशखबरी सुनाई, जिसने आम लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी। उन्होंने कहा कि इस दिवाली से देश में गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (GST) का बोझ कम होने वाला है। यह सिर्फ टैक्स में बदलाव नहीं, बल्कि एक ऐसे सुधार की शुरुआत है, जो किसानों, मध्यम वर्ग, छोटे कारोबारियों और महिलाओं तक को राहत पहुंचाएगा।

नया जीएसटी ढांचा और सरकार की बड़ी योजना

सरकार अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में नए ढांचे को पेश करने की तैयारी कर रही है। मौजूदा 5%, 12%, 18% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म कर अब सिर्फ दो मुख्य स्लैब रखने की योजना है — एक “स्टैंडर्ड” और दूसरा “मेरिट”। कुछ खास वस्तुओं पर अलग दरें लागू की जाएंगी। इसका मतलब है कि रोजमर्रा की ज़रूरी और महत्वाकांक्षी चीज़ें सस्ती होंगी, जिससे लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।

क्यों ज़रूरी हैं ये सुधार

पीएम मोदी ने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद देश की टैक्स व्यवस्था सरल हुई है, लेकिन अब समय है इसे और आमजन के अनुकूल बनाने का। सरकार का मकसद है टैक्स दरों में स्थिरता लाना, अनावश्यक विवाद खत्म करना और कारोबारियों को लंबी अवधि की स्पष्टता देना, ताकि वे बेहतर योजना बना सकें।Diwali

सरकार इन सुधारों को तीन बड़े स्तंभों पर आगे बढ़ा रही है — ढांचागत सुधार, दरों का संतुलन और “ईज़ ऑफ लिविंग” यानी जीवन को आसान बनाना। ढांचागत सुधारों में उद्योगों के बीच इनपुट और आउटपुट टैक्स दरों के फर्क को खत्म करना शामिल है, ताकि कारोबारियों का क्रेडिट अटका न रहे और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिले।

आम आदमी के लिए सीधी राहत

नई दर संरचना का सबसे बड़ा फायदा आम उपभोक्ता को होगा। रोजमर्रा की वस्तुओं, पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी चीज़ों, महिलाओं की ज़रूरतों और किसानों के उपकरणों पर टैक्स कम होने से महंगाई का असर घटेगा। छोटे और मंझोले कारोबारियों के लिए तकनीक आधारित आसान रजिस्ट्रेशन, प्री-फिल्ड रिटर्न और तेज़ रिफंड की सुविधा मिलेगी, जिससे उनके कामकाज में आसानी आएगी।

इस साल से मिल सकता है फायदा

वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि जीएसटी सुधारों का मसौदा मंत्रियों के समूह (GoM) को भेज दिया गया है और अगली बैठक में इस पर चर्चा होगी। कोशिश यही है कि इन सुधारों को इसी वित्तीय वर्ष में लागू किया जाए, ताकि जनता को इसका फायदा इस दिवाली से ही मिलने लगे।

देशभर के लोगों की निगाहें अब जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि यह दिवाली सिर्फ रोशनी की नहीं, बल्कि सच्चे मायनों में आर्थिक राहत की भी होगी।Diwali

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सरकारी बयानों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है, न कि किसी तरह की आर्थिक सलाह देना। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि अवश्य करें।

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Rishant Verma