Indigo Share: राकेश गंगवाल का चौंकाने वाला फैसला, इंडिगो के शेयरों में हड़कंप

Indigo Share: भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को एक अप्रत्याशित मोड़ देखने को मिला, जब अरबपति राकेश गंगवाल ने इंडिगो में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना को अचानक छोटा कर दिया। इंडिगो, जिसे दुनिया की सबसे मूल्यवान एयरलाइनों में से एक माना जाता है, के शेयरों में इस कदम का सीधा असर दिखा और निवेशकों में हलचल मच गई।

हिस्सेदारी बिक्री उम्मीद से कम क्यों रही?

राकेश गंगवाल और उनकी चिंकरपू फैमिली ट्रस्ट ने कुल 7.56 मिलियन शेयर यानी करीब 1.96% हिस्सेदारी बेची, जिससे उन्हें लगभग 43.9 अरब रुपये (501 मिलियन डॉलर) की राशि प्राप्त हुई। जबकि शुरुआती योजना 12.1 मिलियन शेयर बेचने की थी, जिससे उन्हें 800 मिलियन डॉलर से ज्यादा जुटाने की उम्मीद थी। इस बदलाव ने बाजार और निवेशकों दोनों को चौंका दिया।Indigo Share

इस डील को भारतीय बाजारों के बंद रहने के अगले दिन यानी गुरुवार को पूरा किया गया। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी टैरिफ और आर्थिक मंदी की आशंकाओं ने निवेशकों का भरोसा कमजोर किया। बताया जा रहा है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से मांग कमज़ोर रहने के कारण हिस्सेदारी बिक्री का आकार घटाना पड़ा।

शेयर बाजार पर पड़ा सीधा असर

गुरुवार को इंडिगो के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली और यह 5.3% टूटकर 5,727 रुपये पर बंद हुए। यह जनवरी 13 के बाद से सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट रही। हालांकि, इस उतार-चढ़ाव के बीच एक बड़ी खबर यह भी है कि सितंबर के अंत तक इंडिगो का शेयर NSE निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल होने जा रहा है।

गंगवाल का इंडिगो से सफर और भविष्य की तस्वीर

इंडिगो के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल 2022 से ही धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं। इस बार की हिस्सेदारी बिक्री ने निवेशकों को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या गंगवाल इंडिगो से अपना संबंध और भी कमजोर करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

आज इंडिगो 25 अरब डॉलर की वैल्यूएशन के साथ भारतीय आसमान पर राज कर रहा है और 60% से ज्यादा मार्केट शेयर अपने नाम किए हुए है। ब्लूमबर्ग के वैश्विक एयरलाइंस इंडेक्स में भी इंडिगो चौथे स्थान पर है, जो इसे निवेशकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनाता है।Indigo Share

निष्कर्ष

राकेश गंगवाल की इस नई चाल ने जहां इंडिगो के शेयरों में हलचल पैदा की है, वहीं निवेशकों के बीच भी नई चर्चाओं को जन्म दिया है। हिस्सेदारी बिक्री भले ही उम्मीद से कम रही हो, लेकिन यह साफ है कि इंडिगो अभी भी भारतीय एविएशन सेक्टर की सबसे मजबूत कंपनी बनी हुई है। आने वाले दिनों में कंपनी के शेयरों का रुख और गंगवाल के आगे के फैसले निवेशकों के लिए बेहद अहम साबित होंगे।

डिस्क्लेमर: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है। इसमें दिए गए तथ्यों का आधार मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध सार्वजनिक स्रोत हैं। किसी भी निवेश निर्णय से पहले वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें।

BP: का बड़ा दांव निवेशकों के लिए रिटायरमेंट तक सुनहरी कमाई का मौका

Gold Rate Today :सोने का सेंचुरी हिट: 1 लाख पार, जेब पर भारी महंगाई का बोझ

Operation Mahadev :‘महादेव’ की गर्जना से कांपा आतंक – सेना ने रच दिया शौर्य का नया इतिहास!

rishant verma
Rishant Verma