Phaphamau :देश की अर्थव्यवस्था की धड़कन कहे जाने वाले जीएसटी कलेक्शन ने अगस्त 2025 में एक नई ऊंचाई छू ली है। सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस महीने का कुल जीएसटी कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह पिछले साल अगस्त की तुलना में 6.5% की बढ़ोतरी है। यह आंकड़ा न सिर्फ सरकार की आय बढ़ने का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश में खपत और व्यापार का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है।
अप्रैल 2025 में बना था रिकॉर्ड
अगर हम इस वित्त वर्ष की शुरुआत की बात करें तो अप्रैल 2025 में जीएसटी कलेक्शन ने अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया था। उस समय का कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो जीएसटी लागू होने के बाद का सबसे ऊंचा स्तर माना जाता है। जुलाई 2025 में यह आंकड़ा 1.96 लाख करोड़ पर था, जो अगस्त में थोड़ा घटकर 1.86 लाख करोड़ रहा, लेकिन फिर भी स्थिर वृद्धि की ओर इशारा करता है।
बीते वर्षों में तेज़ी से बढ़ा कलेक्शन
वित्त वर्ष 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ, जो अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक आंकड़ा है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 9.4% की वृद्धि है। खास बात यह है कि 2017 में जब जीएसटी लागू हुआ था तब सिर्फ 65 लाख टैक्सपेयर्स थे, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो चुके हैं। यह बदलाव दिखाता है कि देश में टैक्स बेस काफी व्यापक हो गया है और जीएसटी व्यवस्था लगातार मजबूत होती जा रही है।
मोदी सरकार की बड़ी घोषणा: आएगा GST 2.0
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जीएसटी सुधारों का ऐलान किया था। उन्होंने इसे देशवासियों के लिए “दिवाली गिफ्ट” बताया। सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि जल्द ही जीएसटी 2.0 लागू किया जाएगा, जिसमें टैक्स सिस्टम और आसान बना दिया जाएगा।
नई व्यवस्था में दो मुख्य टैक्स रेट होंगे – 5% और 18%। रोज़मर्रा के सामान जैसे खाद्य वस्तुएं, दवाइयां, शैक्षणिक सामग्री, मेडिकल उपकरण, हेयर ऑयल और टूथब्रश जैसी बुनियादी चीजों पर 0 से 5% टैक्स लगेगा। वहीं एसी, टीवी, फ्रिज जैसी मिडिल-क्लास से जुड़ी वस्तुएं 18% टैक्स स्लैब में आएंगी।
क्या होगा बदलाव?
सरकार ने 12% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही मार्च 2026 से पहले कंपनसेशन सेस को भी समाप्त करने की योजना है। हालांकि ऑटोमोबाइल और सीमेंट जैसे सेक्टरों पर फिलहाल क्या टैक्स दर लागू होगी, यह साफ नहीं किया गया है। वहीं स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी दर घटाने की तैयारी है, जिससे आम लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।
आने वाले समय की तस्वीर
विशेषज्ञों का मानना है कि नई दरों और संरचना से टैक्स सिस्टम न सिर्फ सरल होगा बल्कि आम उपभोक्ताओं की जेब पर भी सीधा असर डालेगा। इससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी और मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। दूसरी तरफ सरकार के लिए यह एक मजबूत आर्थिक ढांचा तैयार करेगा, जिससे राजस्व संग्रह में स्थिरता बनी रहेगी।
निष्कर्ष
अगस्त 2025 के जीएसटी आंकड़े और मोदी सरकार की नई घोषणाएं साफ दिखाती हैं कि आने वाले महीनों में देश की अर्थव्यवस्था एक नए मोड़ पर जाने वाली है। टैक्स ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाने का यह प्रयास निश्चित ही आम जनता के जीवन में राहत लाएगा और उद्योग जगत को भी नई ऊर्जा देगा।
डिस्क्लेमर:इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आधिकारिक सरकारी आंकड़ों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी वित्तीय निर्णय या निवेश से पहले संबंधित विभाग और आधिकारिक स्रोत से सत्यापन अवश्य करें।
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