PM Kusum Yojana: किसानों के चेहरे पर मुस्कान पीएम कुसुम योजना में सौर पंप पर 90% तक सब्सिडी

PM Kusum Yojana: खेती करने वाले किसान अक्सर एक ही सवाल से जूझते हैं—“पानी और बिजली का इंतज़ाम कब तक महँगा और मुश्किल रहेगा?” आज के दौर में डीज़ल की बढ़ती कीमतें और बिजली कटौती किसानों की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी हैं। महंगे पंपों और अस्थायी बिजली पर निर्भर रहकर खेती करना न केवल उनकी जेब पर भारी पड़ता है, बल्कि मेहनत के बावजूद मुनाफा भी घटा देता है। लेकिन अब किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण आई है। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) में बड़ा बदलाव करते हुए किसानों को खेती के लिए सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है।

आत्मनिर्भर किसान की ओर बढ़ता भारत

पीएम कुसुम योजना की शुरुआत किसानों को डीज़ल और बिजली की निर्भरता से मुक्त करने के लिए की गई थी। इस योजना के तहत किसान अपने खेतों में सोलर पंप और सोलर पैनल लगा सकते हैं। इससे वे अपनी ज़मीन की सिंचाई तो कर ही सकते हैं, साथ ही अतिरिक्त ऊर्जा को बिजली वितरण कंपनियों को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं। यानी यह योजना किसानों को सिर्फ पानी ही नहीं देती, बल्कि उन्हें “ऊर्जा उत्पादक” भी बनाती है।PM Kusum Yojana

90% सब्सिडी का तोहफ़ा

साल 2025 में इस योजना का सबसे बड़ा आकर्षण है किसानों को 90% सब्सिडी का लाभ। यानी किसान को अब सोलर पंप लगाने के लिए केवल 10% खर्च करना होगा, जबकि बाकी पूरी राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देंगे। उदाहरण के लिए, अगर सोलर पंप की कीमत 2 लाख रुपये है, तो किसान को सिर्फ़ 20 हज़ार रुपये खर्च करने होंगे। यह बदलाव खासकर छोटे और मध्यम किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो पहले महंगे उपकरणों के कारण सौर ऊर्जा से दूर रह जाते थे।

किसानों के लिए दोहरा लाभ

सोलर पंप के ज़रिए किसानों का डीज़ल और बिजली का खर्च खत्म हो जाएगा। सूरज की रोशनी से चलने वाले इन पंपों में किसी ईंधन की ज़रूरत नहीं होती। साथ ही, किसान जब चाहे, अपने समय और सुविधा के अनुसार सिंचाई कर सकते हैं, अब बिजली कटौती या डीज़ल की कमी उनकी मेहनत को रोक नहीं पाएगी। इतना ही नहीं, यदि अतिरिक्त बिजली पैदा होती है, तो किसान उसे बेचकर हर साल हज़ारों रुपये की अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं।

आसान आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अपने राज्य की ऊर्जा या कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। ज़रूरी कागज़ात जैसे किसान पंजीकरण संख्या, भूमि से जुड़े दस्तावेज़, पहचान पत्र और बैंक विवरण अपलोड करने होंगे। सत्यापन के बाद योग्य किसानों को सब्सिडी का लाभ सीधे उनके खाते में दिया जाएगा और उन्हें सोलर पंप लगाने की अनुमति मिल जाएगी।

हरित क्रांति की ओर एक कदम

आज जब जलवायु परिवर्तन, महंगे ईंधन और प्रदूषण जैसी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, पीएम कुसुम योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ भारत को हरित ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ा रही है। यह योजना खेती की लागत कम कर रही है, किसानों की आय बढ़ा रही है और गाँवों में तकनीकी बदलाव ला रही है।PM Kusum Yojana

निष्कर्ष

पीएम कुसुम योजना 2025 सिर्फ़ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक नई आशा है। 90% सब्सिडी का प्रावधान हर किसान को आत्मनिर्भर और मज़बूत बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। आने वाले समय में जब हर खेत सौर ऊर्जा से सिंचित होगा, तब भारत न केवल खाद्य उत्पादन में बल्कि स्वच्छ ऊर्जा में भी आत्मनिर्भर कहलाएगा।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी घोषणाओं और उपलब्ध रिपोर्ट्स पर आधारित है। योजना से जुड़े किसी भी बदलाव, प्रक्रिया या शर्त की पुष्टि करने के लिए किसान अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से जानकारी ज़रूर लें।

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Rishant Verma