Aaj Ka Mausam : उत्तर प्रदेश का मौसम इन दिनों बेहद अन predictable हो चला है। कहीं आसमान से राहत की बारिश बरस रही है तो कहीं लोग उमस और तपिश से बेहाल हैं। 14 जुलाई को मौसम ने फिर करवट ली, और सीतापुर, अलीगढ़, शाहजहांपुर जैसे जिलों में आसमान ने जमकर पानी बरसाया। वहीं बाकी क्षेत्रों में बादलों की गरज और उमस ने लोगों को बेचैन कर दिया। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में 19 जुलाई तक बारिश का सिलसिला रुक-रुक कर जारी रहेगा और कुछ इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना बनी हुई है।
देरी से लेकिन दमदार – पूर्वी यूपी में फिर से लौटेगा बारिश का जोर
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्नदाब के क्षेत्र का असर जल्द ही पूर्वी यूपी पर दिखने लगेगा। 14 जुलाई की रात से पूर्वांचल में बारिश की रफ्तार एक बार फिर तेज होने वाली है। 15 जुलाई से लेकर अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई इलाकों में हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के आसार बन सकते हैं। इस दौरान बिजली चमकने और तेज गर्जना की भी चेतावनी दी गई है।
कौन-कौन से जिले रहेंगे ज्यादा प्रभावित?
मौसम विभाग ने आज और आने वाले दिनों में कुछ जिलों में विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर उन जिलों में जहां गरज-चमक के साथ तेज बारिश की आशंका जताई गई है।
क्षेत्र | प्रभावित जिले |
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पूर्वी उत्तर प्रदेश | वाराणसी, गाजीपुर, मिर्जापुर, जौनपुर, देवरिया, गोरखपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, सोनभद्र, चंदौली |
मध्य उत्तर प्रदेश | प्रयागराज, प्रतापगढ़, संतरविदास नगर, अमेठी, अंबेडकरनगर, अयोध्या, सुल्तानपुर, लखनऊ, बाराबंकी |
पश्चिमी उत्तर प्रदेश | सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर |
तराई और सीमावर्ती इलाके | बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर |
- इन क्षेत्रों में बिजली गिरने और जलभराव जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए नागरिकों को सतर्क रहने और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
बुंदेलखंड में रिकॉर्ड बारिश, पूर्वांचल अब भी सूखा
इस मानसून सीज़न में अब तक सबसे अधिक बारिश बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में दर्ज की गई है, जहां 603.8 मिमी बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 2 से 3 गुना अधिक है। वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल के कई ज़िलों में अब भी सामान्य से काफी कम बारिश हुई है, जिससे वहां के किसानों और ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
लखनऊ और आसपास का हाल
राजधानी लखनऊ में रविवार को बादलों की आवाजाही बनी रही और कुछ इलाकों में बौछारें भी पड़ीं। हालांकि तेज उमस ने लोगों को अधिक परेशान किया। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि चक्रवाती परिसंचरण के पश्चिम की ओर खिसकने और मानसून द्रोणी के दक्षिण की ओर झुकाव के कारण बारिश में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन यह अस्थायी है।
Disclaimer:
यह लेख मौसम विभाग और स्थानीय समाचार स्रोतों की जानकारी के आधार पर लिखा गया है। मौसम में अचानक बदलाव हो सकते हैं, इसलिए कृपया किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। हम किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है।
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