लखनऊ में बारिश बनी राहत की सौगात
Aaj Ka Mausam : उत्तर प्रदेश के आसमान में इन दिनों काले बादलों की चादर फैली हुई है और धरती पर बारिश की ठंडी बौछारें एक नई सांस भर रही हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में लगातार हो रही मानसूनी बारिश ने गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। लखनऊ में जहां बीते दिनों उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा था, वहीं अब हल्की से मध्यम बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया है।
मौसम विभाग का अलर्ट – बुंदेलखंड और विंध्य में भारी बारिश की चेतावनी
गुरुवार की सुबह मौसम विभाग की चेतावनी ने बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के कई जिलों में अलर्ट का माहौल बना दिया। बांदा, चित्रकूट, झांसी और ललितपुर जैसे जिलों समेत कुल 11 जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। वहीं 19 अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। खास बात यह है कि 58 जिलों में गरज और चमक के साथ वज्रपात की चेतावनी भी दी गई है, जिससे सावधानी बरतना बेहद जरूरी हो गया है।
पूर्वांचल में खुलकर बरसे बादल, पश्चिमी यूपी अब भी सूखा
बुधवार को जहां लखनऊ में सिर्फ छिटपुट बारिश दर्ज हुई, वहीं वाराणसी, प्रयागराज, सुल्तानपुर और अन्य पूर्वी जिलों में बादलों ने खुलकर मेहरबानी दिखाई। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, आने वाले दिनों में वर्षा की रफ्तार और बढ़ने के आसार हैं। हालांकि 1 से 15 जुलाई तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से करीब 41% कम बारिश हुई है और पूर्वी इलाकों में भी लगभग 17% की कमी देखी गई है।
किन जिलों में हो सकती है भारी बरसात?
गुरुवार को बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर में भारी बारिश हो सकती है। साथ ही प्रतापगढ़, जौनपुर, चंदौली, वाराणसी, रायबरेली, अमेठी और कानपुर जैसे जिलों में भी रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बरसात होती रहेगी।
लखनऊ में तापमान सामान्य, दो-तीन दिन मौसम यूं ही रहेगा
राजधानी लखनऊ का अधिकतम तापमान बुधवार को 34.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24.6 डिग्री दर्ज किया गया। आने वाले दो से तीन दिनों तक इसी तरह की स्थिति बनी रहने की संभावना है। बारिश की इस राहत के बीच स्कूल जाते बच्चे हों या छत पर बारिश का आनंद लेते बुजुर्ग – हर चेहरा अब कुछ ज्यादा ही सुकून में नज़र आ रहा है।
मानसून ने जगाई उम्मीदें – खेतों और दिलों में घुली ताजगी
इस मौसम ने न केवल सूखते खेतों को फिर से जीवन दिया है, बल्कि लोगों के चेहरों पर भी एक ताजगी ला दी है। किसानों को अब अपनी फसलों के लिए भरपूर पानी मिलने की उम्मीद है, वहीं आम जनमानस भी राहत की सांस ले रहा है।
डिस्क्लेमर:-यह लेख मौसम विभाग की उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। बारिश और वज्रपात से जुड़ी स्थिति कभी भी बदल सकती है, इसलिए स्थानीय प्रशासन या मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर समय-समय पर जानकारी लेते रहें। सावधानी ही सुरक्षा है।
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