Air India : जब कोई अपनों को अचानक किसी हादसे में खो देता है, तो सिर्फ एक घर नहीं, पूरा देश शोक में डूब जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ 12 जून 2025 को, जब Air India की फ्लाइट AI171 की दुर्घटना की खबर आई। यह खबर सिर्फ एक हवाई जहाज के गिरने की नहीं थी, यह 260 से ज्यादा जिंदगियों के टूट जाने की खबर थी। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब जो जानकारी सामने आ रही है, वो और भी चौंकाने वाली है और कई सवालों को जन्म दे रही है।
कॉकपिट से आई आवाज़ ने खोला दर्दनाक राज
रॉयटर्स की रिपोर्ट और अमेरिकी जांच एजेंसियों की ओर से आई जानकारी के अनुसार, टेक-ऑफ से ठीक पहले कॉकपिट में रिकॉर्ड हुई एक बातचीत में यह बात सामने आई है कि विमान के कैप्टन ने खुद ही इंजन के फ्यूल सप्लाई को बंद कर दिया था। फ्यूल स्विच को ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ कर देना यानी इंजन में ईंधन की आपूर्ति रोक देना – और यही हुआ। इस एक फैसले ने विमान की जान ही छीन ली।
हादसे के कुछ ही सेकंडों में बदली तस्वीर
ब्लैक बॉक्स और वॉइस रिकॉर्डिंग से जो शुरुआती जांच हुई है, उसमें सामने आया है कि टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंडों बाद दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई बंद कर दी गई थी। ऐसा क्यों किया गया, यह अब भी एक रहस्य है। विमान महज 650 फीट तक ऊंचा उठा और फिर नीचे गिरने लगा। कुछ ही पलों में दोबारा फ्यूल स्विच ‘RUN’ मोड में किए गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विमान ज़मीन की ओर गिरा, पेड़ों और एक चिमनी से टकराया और फिर पास के मेडिकल कॉलेज की इमारत से जा टकराया। 241 यात्रियों की मौत हो गई और ज़मीन पर मौजूद 19 लोग भी इस त्रासदी की चपेट में आ गए।
पायलटों के बीच की बातचीत ने बढ़ाया रहस्य
AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) की शुरुआती रिपोर्ट में एक पायलट की ओर से पूछे गए सवाल का ज़िक्र है – “फ्यूल कट क्यों किया गया?” जवाब आया – “नहीं किया”, लेकिन अब तक यह साफ नहीं है कि यह संवाद किसने किया। कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास 15,638 घंटे का अनुभव था और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के पास 3,403 घंटे का अनुभव। फिर भी ऐसी चूक कैसे हुई, यह सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है।
तकनीकी गड़बड़ी या मानवीय भूल?
एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन ने 14 जुलाई को एक बयान में कहा कि अब तक किसी तकनीकी या मेंटनेंस संबंधी लापरवाही की पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में बोइंग या General Electric के खिलाफ कोई सिफारिश भी नहीं की गई है। ऐसे में अब बहस इस ओर मुड़ रही है कि क्या यह एक मानवीय भूल थी? क्या ट्रेनिंग में कोई कमी रह गई थी? क्या ऐसे हादसे को टाला जा सकता था?
कॉकपिट कैमरे की मांग फिर ज़ोर पकड़ने लगी
इस हादसे के बाद फिर से ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब सभी विमानों में कॉकपिट कैमरा ज़रूरी कर देना चाहिए? विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर वीडियो रिकॉर्डिंग होती, तो यह साफ समझा जा सकता था कि आखिर किसने फ्यूल स्विच बदला और क्यों। मौजूदा रिकॉर्डिंग सिर्फ आवाज़ की है, जिससे पूरी तस्वीर नहीं मिल पा रही।
मीडिया रिपोर्टिंग पर भी उठे सवाल
AAIB ने कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों की रिपोर्टिंग पर नाराजगी जताई है, जिनके अनुसार बिना पूरी जांच के ही नतीजे निकालने की कोशिश की गई। जांच एजेंसी ने साफ किया है कि अंतिम रिपोर्ट आने में अभी कम से कम एक साल का वक्त लगेगा और तब तक कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाज़ी होगी।
एक पल की चूक, सैकड़ों जिंदगियां खत्म
Air India Crash 2025 हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि तकनीक और अनुभव के बावजूद भी अगर एक छोटी सी गलती हो जाए, तो उसका अंजाम कितना भयावह हो सकता है। यह हादसा सिर्फ एक विमान का नहीं था, यह उन सैकड़ों सपनों का था जो आसमान में उड़ान भरने निकले थे, लेकिन कभी वापस नहीं लौटे।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। आधिकारिक जांच एजेंसियों की अंतिम रिपोर्ट के बाद ही इस हादसे के वास्तविक कारणों की पुष्टि की जा सकेगी। इस लेख का उद्देश्य केवल सूचना देना है, किसी निष्कर्ष पर पहुंचाना नहीं।