Assam :सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा फैसला अब संवेदनशील इलाकों के मूल निवासी पा सकेंगे हथियार लाइसेंस

Assam :असम की धरती पर अपने पूर्वजों की भूमि और संस्कृति की रक्षा करने वाले लोग आज भी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। खासकर उन इलाकों में, जहां जनसंख्या का संतुलन तेजी से बदल रहा है और मूल निवासी अल्पसंख्यक बनते जा रहे हैं। ऐसे ही बहादुर और संवेदनशील इलाकों में रहने वाले असमिया लोगों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक नई पहल की है।

डिजिटल पोर्टल से होगा लाइसेंस आवेदन

14 अगस्त 2025 को गुवाहाटी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम सरमा ने एक डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया, जिसके जरिए संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले स्वदेशी लोग हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे। उनका कहना है कि यह योजना पूरी तरह धार्मिक और राजनीतिक रूप से निष्पक्ष है और इसका उद्देश्य जिम्मेदार नागरिकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सरकार की मदद करने का अधिकार देना है।Assam

किन्हें मिलेगा लाइसेंस

सीएम सरमा ने स्पष्ट किया कि हथियार सरकार नहीं देगी, बल्कि भारतीय शस्त्र अधिनियम के तहत केवल लाइसेंस दिए जाएंगे। यह लाइसेंस उन्हीं लोगों को मिलेगा जो मानसिक रूप से स्वस्थ हों, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो और जिन्होंने अपने क्षेत्र में तीन पीढ़ियों से निवास किया हो। साथ ही, उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेना होगा और यह साबित करना होगा कि वे क्यों संवेदनशील स्थिति में हैं।

बदलती जनसंख्या और सुरक्षा की चिंता

मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या का संतुलन इतनी तेजी से बदल रहा है कि कभी बहुसंख्यक रहे लोग आज अल्पसंख्यक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेहमान बनकर आते हैं और फिर मूल निवासियों से जबरन जमीन खरीदकर उन्हें पलायन करने पर मजबूर करते हैं। लेकिन ऐसे भी कई लोग हैं जो अपनी भूमि, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए वहीं डटे हुए हैं। यह योजना खासतौर पर ऐसे बहादुर और संवेदनशील लोगों के लिए है।

त्वरित सुरक्षा प्रतिक्रिया के लिए कदम

सरकार ने यह भी तय किया है कि यह लाइसेंस केवल उन्हीं क्षेत्रों के लिए जारी होंगे जहां पुलिस को किसी घटना स्थल तक पहुंचने में कम से कम दो घंटे लगते हैं। इसका मकसद है कि इन क्षेत्रों के लोग किसी आपात स्थिति में पहले प्रतिक्रिया दे सकें और हमले या हिंसा की आशंका को कम कर सकें।Assam

प्रशिक्षण और जिम्मेदारी

लाइसेंस धारकों को उनके जिले में मान्यता प्राप्त प्रशिक्षकों—जिनमें रिटायर्ड पुलिस या सेना के अधिकारी शामिल होंगे—द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला उपायुक्त और पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक इस योजना को निष्पक्ष और जिम्मेदारी से लागू करेंगे। अगर किसी तरह का दुरुपयोग होता है तो अधिकारी स्वयं जिम्मेदार माने जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम सनसनी फैलाने के लिए नहीं, बल्कि दूरस्थ और असुरक्षित इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक सावधानीपूर्ण रक्षा उपाय है। उनका मानना है कि हथियार न केवल आत्मरक्षा का साधन हैं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक डर भी पैदा करते हैं, जिससे संभावित हमलावर पीछे हट सकते हैं।

अस्वीकरण: यह लेख समाचार और सार्वजनिक बयानों पर आधारित है। यहां दी गई जानकारी की सटीकता और पूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। पाठकों से आग्रह है कि किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों और नियमों की जांच करें।

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Rishant Verma