Axiom-4 Mission : जब ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अंतरिक्ष में लहराया भारत का परचम!

Axiom-4 Mission :जब एक देश का सपना अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुंचता है, तो वह केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव की मिसाल बन जाता है। इसी भावना के साथ ग्रुप कैप्टन शुक्ला, जिनका मिशन कॉल साइन “Shux” है, आज अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। Axiom-4 मिशन के अंतर्गत वह उन चुनिंदा वैज्ञानिकों में शामिल हैं जो पृथ्वी से परे जाकर विज्ञान की नई सीमाएं गढ़ रहे हैं।

Myogenesis प्रयोग: मांसपेशियों की कमजोरी पर हो रहा अंतरिक्ष से वार

Axiom Space के अनुसार, शुक्ला ने हाल ही में Life Sciences Glovebox (LSG) में Myogenesis नामक प्रयोग पर काम किया। यह अध्ययन अंतरिक्ष में मांसपेशियों की क्षीणता के पीछे छिपे जैविक कारणों को उजागर करने का प्रयास है। इसका लाभ न केवल अंतरिक्ष यात्रियों को होगा, बल्कि पृथ्वी पर मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भी मिल सकता है।Axiom-4 Mission:

भारतीय वैज्ञानिकों के 7 माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों से अंतरिक्ष में दिखेगा ‘मेड इन इंडिया’ साइंस

Myogenesis प्रोजेक्ट बेंगलुरु स्थित InStem द्वारा प्रस्तावित है और ISRO द्वारा चुने गए सात प्रमुख माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों में शामिल है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला इन सभी प्रयोगों को अपने 14 दिवसीय मिशन के दौरान ISS पर अंजाम देंगे। ISRO को उम्मीद है कि यह पहल भारत में माइक्रोग्रैविटी रिसर्च की एक मजबूत नींव तैयार करेगी।

ISRO और NASA का संयुक्त प्रयास: पांच साइंस मिशन और दो STEM डेमो

इन सात प्रयोगों के अलावा ISRO और NASA मिलकर 5 संयुक्त वैज्ञानिक जांच और 2 STEM इन-ऑर्बिट डेमोन्स्ट्रेशन भी कर रहे हैं। यह युवा वैज्ञानिकों और छात्रों को न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि भारत को अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रमुख केंद्र भी बनाएगा।

मस्तिष्क में रक्त प्रवाह पर अध्ययन: Cerebral Hemodynamics स्टडी से नई उम्मीदें

Axiom Space ने जानकारी दी है कि मिशन में Cerebral Hemodynamics नामक अध्ययन भी शुरू किया गया है, जिसमें मस्तिष्क में रक्त प्रवाह पर माइक्रोग्रैविटी का असर देखा जा रहा है। यह स्टडी अल्ट्रासाउंड तकनीक पर आधारित है और भविष्य में स्ट्रोक या हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों की बेहतर समझ और इलाज में मदद कर सकती है।Axiom-4 Mission:

31 देशों की सहभागिता: Axiom-4 बना वैश्विक वैज्ञानिक समर्पण का प्रतीक

Axiom-4 मिशन में 60 से अधिक वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियाँ शामिल हैं, जो 31 देशों का प्रतिनिधित्व करती हैं – इनमें भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राज़ील, नाइजीरिया, UAE और कई यूरोपीय देश शामिल हैं। यह मिशन वास्तव में विज्ञान की सीमाओं को पार कर वैश्विक एकजुटता का उदाहरण बन चुका है।

निष्कर्ष: भारत अब अनुसंधान में कर रहा नेतृत्व

Axiom-4 मिशन भारत के लिए सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि विज्ञान में नेतृत्व की शुरुआत है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला की भूमिका से भारत एक नई पीढ़ी को यह संदेश दे रहा है कि विज्ञान के आकाश में अब हम भी अग्रणी हैं।

 डिस्क्लेमर:- यह लेख विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों, प्रेस विज्ञप्तियों और संस्थागत बयानों पर आधारित है। कृपया किसी भी आधिकारिक जानकारी के लिए संबंधित संस्थाओं की वेबसाइट या आधिकारिक संचार माध्यमों से पुष्टि करें।

rishant verma
Rishant Verma