आसमान में आज कुछ खास होने वाला है…
Buck Moon 2025 :अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें चाँदनी रातें अपनी ओर खींचती हैं, तो 10 जुलाई 2025 की यह रात आपके लिए बेहद खास है। आज रात का चाँद केवल एक ‘पूर्णिमा’ नहीं, बल्कि एक खगोलीय चमत्कार होने वाला है – जिसे “बकी मून” कहा जाता है। यह नज़ारा केवल रोमांचित करने वाला नहीं बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान की अद्भुत कलाकारी का जीवंत उदाहरण भी है।
क्या है ‘बकी मून’ और क्यों है यह इतना खास?
जुलाई में आने वाला यह पूर्ण चंद्रमा “बकी मून” के नाम से जाना जाता है। ‘बकी’ शब्द का अर्थ होता है नर हिरन, और यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इस समय नर हिरन के नए सींग उगने लगते हैं। इस चाँद को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में और भी कई नामों से पुकारा जाता है – जैसे “थंडर मून” (गर्जन वाली बारिशों के कारण) और “हे मून” (किसानों के पशुचारे इकठ्ठा करने के समय के अनुसार)। लेकिन इस साल का बकी मून कुछ ज्यादा ही खास है।
2025 का बकी मून क्यों है विशेष?
इस साल जुलाई का पूर्ण चंद्रमा न सिर्फ गर्मियों के उत्तरायण के करीब पड़ रहा है, बल्कि यह “मेजर लूनर स्टैंडस्टिल” जैसी दुर्लभ खगोलीय स्थिति के अंतर्गत भी आ रहा है। यह तब होता है जब चंद्रमा की कक्षा का झुकाव पृथ्वी के विषुवत रेखा के मुकाबले अपने उच्चतम बिंदु पर होता है। इसका नतीजा यह होता है कि चाँद आसमान में बेहद नीची या ऊँची स्थिति में दिखाई देता है – और इस बार वह बहुत नीचा दिखेगा।
इतना ही नहीं, जुलाई का यह चाँद उस समय आएगा जब पृथ्वी अपने सूरज से सबसे दूर होती है (जिसे “एफेलियन” कहा जाता है)। इसका मतलब यह है कि यह चाँद साल 2025 का सबसे “सूरज से दूर” पूर्णिमा होगा, हालांकि इसका सीधा असर चाँद की चमक पर नहीं दिखेगा, लेकिन खगोलशास्त्रियों के लिए यह एक और दुर्लभ संयोग है।
चाँद को देखने का सबसे अच्छा समय कब है?
चाँद अपने पूरे शबाब पर शाम के समय उदित होगा। न्यूयॉर्क जैसे शहर में चाँद रात 8:53 बजे (स्थानीय समय) पूर्व-दक्षिण दिशा से उगता हुआ दिखाई देगा। भारत में यह दृश्य रात करीब 8 बजे के बाद देखा जा सकेगा। हालांकि, सटीक समय जानने के लिए आप timeanddate.com जैसी वेबसाइट पर जाकर अपनी लोकेशन के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या देखें इस अद्भुत चाँद में?
जब चाँद पूर्ण अवस्था में होता है, तब उसकी पूरी सतह सूर्य की रोशनी में नहाई होती है। इस समय उसकी सतह पर स्थित विशालकाय काले मैदान – जिन्हें “लूनर मारिया” कहा जाता है – स्पष्ट दिखते हैं। इसके अलावा, कुछ गड्ढों से निकली सफेद रेखाएं, जिन्हें “इजेक्टा रे” कहा जाता है, भी दिखती हैं जो किसी समय चाँद से टकराई वस्तुओं के कारण बनी थीं।
एक ऐतिहासिक संयोग भी
इस बकी मून के साथ-साथ जुलाई 2025 में हम अपोलो-11 की 56वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं। यह वही मिशन था जिसने पहली बार इंसानों को चाँद पर उतारा था। अगर आपके पास एक अच्छा टेलीस्कोप है, तो आप उन ऐतिहासिक लैंडिंग साइट्स को भी खोज सकते हैं जहां नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज़ एल्ड्रिन जैसे खगोलवीरों ने कदम रखा था।
निष्कर्ष: आज की रात खो जाइए चाँदनी में
बकी मून केवल एक खगोलीय घटना नहीं है, यह प्रकृति का वह उपहार है जो हमें ब्रह्मांड से जोड़ता है। यह वो पल होता है जब हमें आसमान की ओर देखकर एहसास होता है कि हम किसी विशाल और अद्भुत व्यवस्था का हिस्सा हैं। तो इस अद्भुत रात को अपनी आँखों और दिल में कैद कीजिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विश्वसनीय खगोलीय स्रोतों और समय-सारिणियों पर आधारित है। चाँद दिखने का समय और दृश्यता आपके भौगोलिक क्षेत्र पर निर्भर करेगा। कृपया सटीक जानकारी के लिए local astronomy websites या एप्स का उपयोग करें।
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