Stock Market :शेयर बाजार की दुनिया में हर दिन कुछ नया होता है – कभी खुशी तो कभी चिंता। 7 जुलाई 2025 का दिन भी कुछ ऐसा ही रहा। विदेशी और घरेलू दोनों ही निवेशकों ने जमकर खरीदारी की, लेकिन इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजार शांत नजर आया। निवेशकों के मन में अमेरिका-भारत ट्रेड रिलेशन को लेकर बनी अनिश्चितता ने पूरे दिन माहौल को दबाव में रखा।
DII और FII दोनों ने दिखाई खरीदारी में दिलचस्पी
इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 11,129 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जबकि 9,275 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यानी कुल मिलाकर 1,853 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की। वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 8,962 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 8,641 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे उनकी नेट खरीदारी 321 करोड़ रुपये रही।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि दोनों ही बड़े निवेशकों का भारतीय बाजार में भरोसा बरकरार है, और वो लगातार इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।
साल भर का निवेश ट्रेंड: FII बेचते रहे, DII खरीदते रहे
2025 की शुरुआत से अब तक के आंकड़े देखें तो FII यानी विदेशी निवेशक कुल 1.20 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। वहीं DII यानी घरेलू निवेशक 3.53 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीद चुके हैं। ये दिखाता है कि भारत के खुद के निवेशक देश की अर्थव्यवस्था में मजबूत भरोसा दिखा रहे हैं।
बाज़ार की चाल रही सुस्त, निवेशकों की नज़र अमेरिका-भारत संबंधों पर
हालांकि निवेशकों की इतनी जोरदार भागीदारी के बावजूद बाजार की शुरुआत और अंत दोनों ही साइड से ठंडी ही रही। Nifty 50 इंडेक्स दिनभर सिर्फ 80 अंकों की रेंज में फंसा रहा और अंत में हल्की गिरावट के साथ 25,461.30 पर बंद हुआ।
Bajaj Broking की रिसर्च के मुताबिक, बाजार की चाल में सुस्ती की बड़ी वजह अमेरिका और भारत के बीच व्यापार को लेकर बनने वाले संभावित बदलाव हैं। निवेशक किसी बड़ी घोषणा से पहले सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हल्की गिरावट
जहां प्रमुख सूचकांक स्थिर रहे, वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई। Nifty Midcap इंडेक्स में 0.27% की गिरावट आई, जबकि Smallcap इंडेक्स 0.44% नीचे बंद हुआ। इससे पता चलता है कि छोटे निवेशकों और रिस्क टेकर की सेंटीमेंट्स थोड़ी कमजोर रही।
कौन सा सेक्टर रहा चमकदार, कौन रहा फीका?
सभी सेक्टर्स की बात करें तो एफएमसीजी (FMCG) सेक्टर में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला। इसने 1.68% की बढ़त दर्ज की, जो वैश्विक अनिश्चितता के दौर में निवेशकों की ‘डिफेंसिव’ मानसिकता को दर्शाता है। तेल और गैस सेक्टर में भी हल्की सी तेजी रही, लेकिन मीडिया, आईटी और मेटल सेक्टर्स में गिरावट देखी गई।
मीडिया इंडेक्स में 1% की गिरावट रही, जिसका कारण प्रमुख कंपनियों की कमजोर वित्तीय गाइडेंस था। IT और मेटल इंडेक्स में भी 0.7% की गिरावट देखी गई।
निष्कर्ष
7 जुलाई का दिन निवेश के लिहाज से मिला-जुला रहा। जहां DII और FII की ओर से पॉजिटिव संकेत मिले, वहीं बाजार की चाल काफी हद तक सतर्क रही। आने वाले दिनों में अमेरिका-भारत व्यापार से जुड़े अपडेट्स और वैश्विक संकेत बाजार की दिशा तय करेंगे।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी Moneycontrol.com और अन्य समाचार स्रोतों पर आधारित है। निवेश से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले प्रमाणित निवेश सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है। लेखक और यह प्लेटफॉर्म किसी प्रकार के लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।