ECI : चुनाव आयोग पर राहुल का वार: एक लाख वोट चोरी, सबूत लाकर करेंगे साबित

ECI :बेंगलुरु में गरमाया माहौल

ECI : बेंगलुरु की तपती दोपहर में, फ्रीडम पार्क में जुटी भीड़ के सामने राहुल गांधी का लहजा सख्त था और शब्दों में गुस्सा साफ झलक रहा था। शुक्रवार, 8 अगस्त को कर्नाटक कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में मंच संभालते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सीधे चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर दिया। उनके हाथ में संविधान की प्रति थी और आवाज में वह दृढ़ता, जो किसी गहरे विश्वास से आती है।

लोकतंत्र पर खतरे का आरोप

राहुल गांधी ने कहा कि आज देश के लोकतंत्र की सबसे बुनियादी नींव—“वन मैन, वन वोट” के सिद्धांत—पर ही खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब एक निष्पक्ष संस्था नहीं, बल्कि “भाजपा के एजेंट” की तरह काम कर रहा है। भीड़ की तालियों और नारों के बीच उन्होंने चुनौती दी—“हमें डराने की बजाय, हमारे पांच सवालों के जवाब दीजिए।”ECI

वोटर लिस्ट और फुटेज पर सवाल

उन्होंने सवाल उठाया कि मशीन-रीडेबल फॉर्मेट में वोटर लिस्ट देने से आयोग क्यों बच रहा है, बूथों की वीडियो फुटेज क्यों मिटा दी गई, और वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली की जांच क्यों नहीं हो रही। राहुल ने कहा कि विपक्ष को डराने की कोशिश हो रही है, जबकि सच जनता के सामने आना चाहिए।

महाराष्ट्र का उदाहरण और शक

महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद, कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव में चौंकाने वाला उलटफेर हुआ। “करीब एक करोड़ लोग, जिन्होंने लोकसभा में वोट नहीं डाला था, अचानक विधानसभा में वोट देने आ गए… उसी दिन हमें शक हो गया कि कुछ गंभीर गड़बड़ है।”

कांग्रेस की आंतरिक जांच के दावे

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में उन्हें लोकसभा में 14 से 16 सीटों की जीत का भरोसा था, लेकिन आयोग ने डिजिटल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। जब वीडियो फुटेज मांगी गई तो न केवल मना कर दिया गया, बल्कि कानून बदलकर 45 दिनों में फुटेज नष्ट करने का नियम लागू कर दिया गया।

महादेवपुरा में मिले चौंकाने वाले तथ्य

महादेवपुरा में कांग्रेस की अपनी जांच में चौंकाने वाले नतीजे आए—हजारों डुप्लीकेट वोटर, अधूरे पते, बिना फोटो वाले नाम, एक छोटे से पते पर 80-100 वोटरों का पंजीकरण और बुजुर्ग जिन्हें पहली बार वोटर लिस्ट में जोड़ा गया। राहुल का आरोप था—“भाजपा और चुनाव आयोग ने मिलकर एक लाख वोट चुराए। अगर हमें डेटा मिल जाए, तो हम साबित कर देंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव चोरी किया।”ECI

खड़गे का पीएम पर सीधा वार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मंच से प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी के पास पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है और पार्टी अन्य राज्यों में भी ऐसी जांच करेगी। वहीं स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव और हाउसिंग मंत्री बी. ज़ेड. ज़मीर अहमद खान ने भी अनियमितताओं के उदाहरण दिए और संविधान बचाने की अपील की।

सिर्फ रैली नहीं, लोकतंत्र पर बहस

यह विरोध केवल एक राजनीतिक रैली नहीं था, बल्कि लोकतंत्र और वोट की ताकत पर सवाल खड़े करने वाला क्षण भी था। राहुल गांधी के शब्दों में आक्रोश और भीड़ की आंखों में चिंता—दोनों यह संकेत दे रहे थे कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और भी गरमाने वाला है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक भाषणों और आरोपों पर आधारित है। इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है।

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Rishant Verma