GST: भारत में लंबे समय से जीएसटी (GST) को सरल बनाने और लोगों की ज़िंदगी को आसान करने की मांग उठ रही थी। आम जनता के खर्चों से लेकर उद्योगों तक, हर किसी को अलग-अलग टैक्स स्लैब और जटिल नियमों का बोझ झेलना पड़ता था। लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए एक नया सुधार प्रस्ताव सामने रखा है, जिसे लेकर लोगों में उम्मीदें और उत्साह दोनों दिखाई दे रहे हैं।
जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव
15 अगस्त को पेश किए गए इस सुधार प्रस्ताव को बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटी मंत्री समूह (GoM) के संयोजक सम्राट चौधरी ने मंज़ूरी दी है। नए प्लान के तहत 12% और 28% स्लैब पूरी तरह खत्म कर दिए जाएंगे। अब सिर्फ़ दो दरें बचेंगी—5% और 18%। इसका सीधा फायदा आम लोगों को होगा, क्योंकि ज़रूरी चीजें और सेवाएं कम टैक्स पर उपलब्ध होंगी जबकि बाकी सामान पर स्टैंडर्ड 18% टैक्स लागू होगा।
बीमा पॉलिसियों पर राहत की उम्मीद
इस सुधार का सबसे बड़ा असर बीमा सेक्टर पर देखने को मिल सकता है। अभी तक जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी लगाया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि जब भी कोई परिवार स्वास्थ्य बीमा या जीवन बीमा की प्रीमियम भरता है, तो उसे मोटी टैक्स राशि भी देनी पड़ती है। लेकिन अब प्रस्ताव है कि इन पॉलिसियों पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। यदि ऐसा होता है, तो यह आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।
विशेषज्ञों की राय और चुनौतियां
पूर्व सीबीईसी चेयरमैन नजीब शाह ने इस कदम को “ऐतिहासिक और लंबे समय से लंबित सुधार” बताया है। उनका मानना है कि इससे टैक्स सिस्टम सरल होगा और खपत में बढ़ोतरी होगी, जो अंततः सरकार की कमाई को भी बढ़ाएगी। हालांकि, बीमा उद्योग से जुड़े कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी हटने से कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं उठा पाएंगी, जिससे उनका खर्च बढ़ सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका असर पॉलिसीधारकों की जेब पर वास्तव में कैसा पड़ता है।
आगे क्या होगा?
फिलहाल यह सिर्फ़ प्रस्ताव है और अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल लेगी। लेकिन मंत्री समूह के हरी झंडी दिखाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में इस पर अमल हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह न सिर्फ़ आम लोगों की ज़िंदगी को आसान बनाएगा बल्कि भारत के टैक्स सिस्टम को और ज्यादा पारदर्शी और भरोसेमंद भी बनाएगा।
निष्कर्ष:-
सरकार का यह कदम टैक्स प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। बीमा प्रीमियम से टैक्स हटाना आम लोगों के लिए राहत की सांस होगा। हालांकि, उद्योग जगत की चिंताओं को देखते हुए यह साफ है कि इस सुधार के असर को समझने में कुछ समय लगेगा। फिर भी, उम्मीद यही है कि इस बदलाव से देश की अर्थव्यवस्था और नागरिकों दोनों को फायदा पहुंचेगा।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सरकारी प्रस्तावों, मंत्री समूह की सिफारिशों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। पाठकों को किसी भी वित्तीय फैसले से पहले आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करना चाहिए।
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