रिफंड का इंतज़ार क्यों हो रहा है लंबा?
Income Tax Return: सोचिए आपने समय पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया, ई-वेरिफिकेशन भी पूरा हो गया, लेकिन फिर भी बैंक अकाउंट में रिफंड नहीं आया। यही स्थिति इस बार लाखों टैक्सपेयर्स की है। आंकड़ों की मानें तो असेसमेंट ईयर 2025–26 के लिए 1.16 करोड़ से ज्यादा ITR फाइल हो चुके हैं, जिनमें से 1.09 करोड़ रिटर्न वेरिफाई भी हो चुके हैं। इसके बावजूद कई लोगों को अभी तक रिफंड नहीं मिला है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
इस बार देर से शुरू हुआ था ITR फाइलिंग सीज़न
इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न भरने की प्रक्रिया को अप्रैल की बजाय मई के आखिर में शुरू किया। ITR-1 और ITR-4 की यूटिलिटी 30 मई को जारी हुई, जबकि ITR-2 और ITR-3 की यूटिलिटी 11 जुलाई तक आई। इससे न सिर्फ फाइलिंग में देरी हुई, बल्कि प्रोसेसिंग और रिफंड में भी काफी समय लग रहा है।
नए नियम और बदलावों ने बढ़ाई पेचिदगियाँ
पिछले एक साल में सरकार ने इनकम टैक्स सिस्टम में कई बड़े बदलाव किए हैं। नया टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट हो गया है और ITR फॉर्म्स में भी ज्यादा जानकारी मांगी जा रही है। AIS (Annual Information Statement) और Form 26AS के साथ डेटा मिलान और ज़्यादा कड़ा कर दिया गया है। यही वजह है कि अब हर रिटर्न को ज़्यादा बारीकी से जांचा जा रहा है।
पुराने केस और गलत डेटा बन रहे रिफंड में रुकावट
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन टैक्सपेयर्स के पुराने सालों के टैक्स असेसमेंट या बकाया मामले लंबित हैं, उनके इस साल के रिफंड को रोका जा सकता है। अगर AIS और 26AS में कोई भी डेटा मैच नहीं करता या अगर रिफंड की रकम असामान्य लगती है, तो उस रिटर्न को “फ्लैग” कर दिया जाता है। तब तक रिफंड जारी नहीं होता जब तक वो जानकारी दोबारा जांची न जाए।
ITR-5, 6 और 7 की यूटिलिटी अभी तक जारी नहीं
अब तक केवल ITR-1 से 4 तक की यूटिलिटीज़ उपलब्ध हैं। ITR-5, 6 और 7 की यूटिलिटी अब तक जारी नहीं हुई है, जिससे उन कैटेगरी के टैक्सपेयर्स अभी भी इंतजार में हैं। इसी कारण से सरकार ने इस बार रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है।
रिफंड न मिलने पर क्या करें?
अगर आपने ITR फाइल कर दिया है और ई-वेरिफिकेशन भी हो चुका है, फिर भी 4–5 हफ्ते तक रिफंड नहीं आया है, तो आप पोर्टल के “View Filed Returns” या “Refund Status” सेक्शन में जाकर जानकारी ले सकते हैं। बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेटेड और पोर्टल से लिंक होना चाहिए। अगर फिर भी समाधान न मिले, तो e-Nivaran का उपयोग कर शिकायत कर सकते हैं।
देरी पर मिलेगा ब्याज भी
हालांकि रिफंड में देरी कष्टदायक हो सकती है, लेकिन राहत की बात ये है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 244A के तहत अगर तय समय से रिफंड मिलने में देरी होती है, तो सरकार टैक्सपेयर्स को ब्याज देने की भी व्यवस्था करती है।
निष्कर्ष: थोड़ा धैर्य रखें, सब होगा ठीक
2025–26 में रिफंड प्रक्रिया थोड़ी सख्त और धीमी जरूर हो गई है, लेकिन इसके पीछे कई तकनीकी और नियम संबंधी वजहें हैं। अगर आपने ईमानदारी से रिटर्न फाइल किया है और सभी दस्तावेज सही हैं, तो रिफंड ज़रूर मिलेगा। बस आपको थोड़े और इंतज़ार और सतर्कता की ज़रूरत है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और टैक्स विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। रिटर्न फाइल करते समय व्यक्तिगत सलाह और आधिकारिक पोर्टल की जानकारी ज़रूर जांचें।
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