Independence Day :स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली में खतरों का साया, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर

Independence Day :देश की आज़ादी का पर्व नज़दीक है, लेकिन राजधानी दिल्ली में इस बार का जश्न सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती लेकर आया है। कई खुफिया इनपुट्स के बाद पूरे शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, इस बार का माहौल “क्रिटिकल थ्रेट एनवायरनमेंट” जैसा है, जहां प्रतीकात्मक महत्व, तय आयोजन स्थल और भारी भीड़ – सभी मिलकर सुरक्षा एजेंसियों के लिए सतर्कता की परीक्षा ले रहे हैं। इस साल के समारोहों में अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और मई में हुए जवाबी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर खास फोकस रहेगा।

खतरे के कई चेहरे

सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठनों, वैश्विक जिहादी नेटवर्क, कट्टरपंथी इस्लामी गुटों, सिख उग्रवादी तत्वों, वामपंथी उग्रवादियों और पूर्वोत्तर के विद्रोही संगठनों से खतरे की आशंका है। इतना ही नहीं, देश के भीतर सक्रिय कुछ कट्टरपंथी या असंतुष्ट गुट और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले तत्व भी इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं।

अधिकारियों का मानना है कि दिल्ली की बड़ी आबादी और अनधिकृत कॉलोनियों के घने समूह, घुसपैठियों या हमलावरों के लिए अस्थायी पनाहगाह बन सकते हैं। यही वजह है कि खुफिया एजेंसियों ने पुख्ता जांच और सतर्क निगरानी की सलाह दी है।Independence Day

सुरक्षा का कड़ा घेरा

इस बार की सुरक्षा योजना में कई केंद्रीय एजेंसियां और अर्धसैनिक बल शामिल हैं। हर स्तर पर पर्सनेल वेरिफिकेशन को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि कोई बाहरी व्यक्ति यूनिफॉर्म पहनकर प्रतिबंधित इलाकों में प्रवेश न कर सके। सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें।

खतरे सिर्फ बड़े पैमाने पर हमलों तक सीमित नहीं हैं। लोन-वुल्फ अटैक, बदले की कार्रवाई, या हाल की सरकारी नीतियों से प्रभावित समूहों द्वारा प्रदर्शन जैसी संभावनाएं भी खारिज नहीं की जा सकतीं। इसके अलावा, सिख उग्रवादी गुटों, वामपंथी उग्रवादियों और पूर्वोत्तर के विद्रोही संगठनों की गतिविधियों पर भी खास नजर रखी जा रही है।

सोशल मीडिया और जासूसी का खतरा

सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा न करें, क्योंकि इसका गंभीर सुरक्षा असर हो सकता है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी एजेंसियों के जासूस अधिकारी बनकर सुरक्षा इंतज़ाम और तैनाती से जुड़ी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर सकते हैं। कंट्रोल रूम में तैनात सभी कर्मियों को सख्त आदेश है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को जानकारी न दें और तुरंत अपने वरिष्ठों को सूचित करें।

निष्कर्ष:-

इस साल का स्वतंत्रता दिवस सिर्फ जश्न का नहीं, बल्कि सतर्कता और एकजुटता का भी संदेश लेकर आया है। देश की सुरक्षा एजेंसियां हर स्तर पर तैयार हैं, लेकिन यह जिम्मेदारी हम सभी की है कि हम सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें, ताकि आज़ादी का पर्व बिना किसी खतरे के पूरे जोश और गर्व के साथ मनाया जा सके।Independence Day

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल आधिकारिक और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से है। सुरक्षा से जुड़े किसी भी कदम या कार्रवाई का पालन करते समय हमेशा सरकारी निर्देशों और आधिकारिक घोषणाओं का पालन करें।

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Rishant Verma