ITR Filing 2025:15 सितंबर से पहले इन गलतियों से बचें, वरना भारी पड़ेगा पछतावा

ITR Filing 2025: हर साल जब आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख नज़दीक आती है तो लोगों के बीच तनाव और जल्दबाज़ी बढ़ जाती है। इस बार 15 सितंबर 2025 को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन तय की गई है और अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। ज्यादातर करदाताओं ने अपना रिटर्न भर भी दिया है और टैक्स रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब भी कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक फाइल नहीं किया। अगर आप उन्हीं में से एक हैं, तो यह समय बेहद कीमती है और जरा सी लापरवाही आपकी परेशानी बढ़ा सकती है।

आखिरी समय की जल्दबाज़ी से बचना क्यों ज़रूरी है

कर विशेषज्ञों का कहना है कि करदाताओं को सभी ज़रूरी दस्तावेज़ और जानकारी अपने टैक्स कंसल्टेंट को कम से कम एक हफ्ता पहले दे देनी चाहिए। ऐसा न करने पर अक्सर आखिरी समय में तकनीकी दिक्कतें, गलत जानकारी या गलत फॉर्म चुनने जैसी समस्याएं सामने आ जाती हैं। कई बार लोग यह सोचकर देर कर देते हैं कि अभी समय है, लेकिन बाद में छोटी गलती भी भारी पड़ सकती है।ITR Filing 2025

सबसे आम गलतियां जिनसे बचना चाहिए

आईटीआर फाइल करते समय सबसे बड़ी गलती गलत फॉर्म चुनने की होती है। कई बार लोग ITR-2 की जगह ITR-1 भर देते हैं या इसके उलट कर देते हैं। इसी तरह विदेशी संपत्ति का खुलासा न करना भी एक बड़ी चूक है। इनकम टैक्स विभाग पहले ही साफ कर चुका है कि विदेशी संपत्ति की जानकारी छिपाना गंभीर अपराध हो सकता है।

अगर आपने एक साल में एक से ज़्यादा नौकरी की है तो आपके पास अलग-अलग नियोक्ताओं से अलग-अलग फॉर्म-16 होंगे। ऐसे में सभी आय को जोड़कर ही रिटर्न दाखिल करना ज़रूरी है। कई लोग यह गलती कर बैठते हैं और बाद में उनकी आय कम दिखाई देती है, जो आयकर विभाग की नज़र में गड़बड़ी मानी जाती है।

एक और आम गलतफहमी यह है कि लोग सोचते हैं छूट वाली आय (Exempt Income) दिखाने की ज़रूरत नहीं है। जबकि हकीकत यह है कि चाहे वह ग्रेच्युटी हो, लीव एनकैशमेंट हो या पेंशन से जुड़ी छूट वाली आय, सबको पहले कुल वेतन में शामिल करना पड़ता है और फिर संबंधित धारा के तहत छूट का दावा करना होता है। अगर इस तरह की आय को छिपाकर निवेश किया गया और उसका खुलासा नहीं किया गया तो इनकम टैक्स विभाग नोटिस भेज सकता है।

AIS और TIS डेटा की जांच ज़रूरी

आजकल इनकम टैक्स विभाग करदाताओं के लिए AIS (Annual Information Statement) और TIS (Taxpayer Information Summary) जैसी रिपोर्ट जारी करता है। इनमें आपकी आय, निवेश और लेन-देन का पूरा ब्योरा होता है। कई लोग बिना जांचे-परखे इस डेटा को ज्यों का त्यों भर देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें गलतियां भी हो सकती हैं। इसके अलावा गलत टैक्स रेजीम चुनना भी बाद में नुकसानदायक साबित हो सकता है।ITR Filing 2025

निष्कर्ष

आयकर रिटर्न भरना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आपकी ईमानदारी और वित्तीय अनुशासन का सबूत है। 15 सितंबर 2025 की आखिरी तारीख अब बहुत करीब है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि आप बिना जल्दबाज़ी किए, सही फॉर्म का चयन करें, सभी आय को ईमानदारी से दर्ज करें और किसी भी तरह की गलती से बचें। सही और समय पर भरा गया रिटर्न न केवल आपको कानूनी दिक्कतों से बचाएगा बल्कि टैक्स रिफंड पाने का रास्ता भी आसान बनाएगा।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न कर विशेषज्ञों की राय और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी प्रकार का वित्तीय निर्णय लेने से पहले आधिकारिक आयकर विभाग की वेबसाइट या अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट/टैक्स कंसल्टेंट से सलाह अवश्य लें।

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Rishant Verma