Yashasvi Jaiswal: कभी-कभी एक खिलाड़ी का जज्बा ही पूरी टीम की दिशा बदल देता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है भारत के युवा बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल ने, जिन्होंने अपने टेस्ट करियर का छठा शतक जड़कर न केवल भारत को मज़बूती दी, बल्कि इंग्लैंड को इतिहास के सबसे कठिन लक्ष्य के सामने खड़ा कर दिया। ओवल की पिच पर चौथी पारी में 275 से अधिक रन कभी किसी ने सफलतापूर्वक चेज़ नहीं किए, और अब इंग्लैंड के सामने वही चुनौती है।
कमजोर इंग्लिश गेंदबाज़ी और जायसवाल का आक्रामक रुख
रविवार को जब भारत की पारी जारी थी, तो इंग्लैंड की गेंदबाज़ी काफी कमजोर नज़र आई। क्रिस वोक्स की अनुपस्थिति में इंग्लैंड को केवल तीन तेज़ गेंदबाज़ों के सहारे लंबा स्पेल फेंकना पड़ा। उनके पास कोई फ्रंटलाइन स्पिनर नहीं था, और सिर्फ जो रूट ने तीन ओवर ऑफ-स्पिन गेंदबाज़ी की। बावजूद इसके, भारत की रनगति चार रन प्रति ओवर से ऊपर रही और जायसवाल ने गेंदबाज़ों की जमकर खबर ली।
गस एटकिंसन की धार, लेकिन भारत का पलड़ा भारी
लंच के बाद जैसे ही खेल शुरू हुआ, गस एटकिंसन ने शुबमन गिल को पगबाधा आउट कर इंग्लैंड को पहली सफलता दिलाई। करुण नायर को क्रीज़ पर पैर जमाने में काफी दिक्कत हुई। उन्हें पहले ही गेंद पर हाथ पर गेंद लगी, फिर हैरी ब्रूक ने स्लिप में उनका एक मुश्किल कैच छोड़ दिया। लेकिन अंततः एटकिंसन की गेंद पर वह विकेटकीपर के हाथों कैच आउट हो गए।
ऑफ साइड के पीछे से बहा रनवर्षा का सैलाब
हालांकि इन सबके बीच यशस्वी जायसवाल की बल्लेबाज़ी किसी तूफान से कम नहीं थी। उन्होंने इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ों को अपनी ऑफ साइड की ताकत से हिला कर रख दिया। उनके पहले 100 में से 72 रन ऑफ साइड पर स्क्वायर के पीछे आए। उन्होंने स्लिप के ऊपर से कट, डैब और स्लैश करते हुए चौके उड़ाए और किस्मत भी उनका साथ देती रही।
जेमी ओवरटन ने तोड़ी शतकवीर की लय
अपने शतक तक पहुंचने का तरीका भी शानदार था – एक तेज़ सिंगल लेकर उन्होंने शतक पूरा किया, जो कि इस बात का प्रतीक था कि कैसे वो हर रन के लिए जूझ रहे थे। ये उनका इंग्लैंड के खिलाफ चौथा और इस सीरीज़ का दूसरा शतक था। हालांकि बाद में उन्हें बेन डकेट ने लेग गली पर जीवनदान भी दिया, लेकिन आखिरकार जेमी ओवरटन ने डीप थर्ड पर उनका शानदार कैच लेकर उन्हें 118 के स्कोर पर पवेलियन भेजा।
टी ब्रेक तक भारत का दबदबा बरकरार
इंग्लैंड को एक और झटका तब नहीं लगा जब रविंद्र जडेजा को जोश टंग की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट दिया गया, लेकिन उन्होंने रिव्यू लेकर खुद को बचा लिया। इसके बाद उन्होंने ध्रुव जुरेल के साथ मिलकर टीम को टी ब्रेक तक पहुंचाया।
अब इंग्लैंड के सामने इतिहास रचने की चुनौती
अब पूरा दबाव इंग्लैंड पर है। भारत ने जिस तरह से बढ़त बनाई है, उससे यह मैच भारत की पकड़ में नज़र आ रहा है। अब देखना होगा कि क्या इंग्लैंड इतिहास रच पाएगा या यशस्वी की ये शतकीय पारी भारत को एक और जीत दिलाने में कामयाब होगी।
डिस्क्लेमर:
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