Land Pooling Policy: पंजाब में रद्द हुई ज़मीन पूलिंग पॉलिसी: किसानों की जिद के आगे झुकी सरकार

Land pooling policy: पंजाब की मिट्टी सिर्फ उपजाऊ ही नहीं, बल्कि यहां के किसानों की मेहनत, पसीना और पीढ़ियों का सपना भी समेटे हुए है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से इस धरती पर एक नई बहस छिड़ी हुई थी—ज़मीन पूलिंग पॉलिसी। राज्य सरकार के बड़े नेताओं, खासकर मुख्यमंत्री भगवंत मान, ने इस पॉलिसी का डटकर बचाव किया था, लेकिन किसानों के विरोध और राजनीतिक दबाव के सामने अंततः सरकार को पीछे हटना पड़ा।

हाल ही में पंजाब सरकार ने यह पॉलिसी वापस ले ली, जिसके तहत करीब 65,000 एकड़ ज़मीन 164 गांवों से लेकर रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना थी। इस पॉलिसी के अनुसार, एक एकड़ ज़मीन के बदले मालिक को 1,000 वर्ग गज का रिहायशी प्लॉट और 200 वर्ग गज का वाणिज्यिक प्लॉट देने का वादा था।

हाईकोर्ट का कड़ा रुख और किसानों की चिंता

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कुछ ही दिन पहले इस पॉलिसी पर अंतरिम रोक लगाते हुए कहा था कि यह जल्दबाजी में लागू की गई है। अदालत ने साफ़ किया कि जिस ज़मीन को लिया जाना था, वह राज्य की सबसे उपजाऊ ज़मीनों में से है, और यह किसानों के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर सकती है। साथ ही, अदालत ने 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून का हवाला देते हुए कहा कि बहुफसली भूमि का अधिग्रहण सामान्य परिस्थितियों में संभव नहीं है।Land Pooling Policy

अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि पॉलिसी में ज़मींदारों के लिए तो भत्ते का प्रावधान है, लेकिन उन मज़दूरों, कारीगरों और भूमिहीन लोगों के पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं, जो सीधे इस ज़मीन पर निर्भर हैं।

राजनीतिक बयानबाज़ी और जमीनी हकीकत

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इसे किसानों की जीत बताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। वहीं, अदालत में दाखिल याचिका में यह भी कहा गया कि सरकार ने विकास के लिए कोई ठोस बजटीय प्रावधान नहीं रखा है। अदालत के मुताबिक, सिर्फ लुधियाना जिले में प्रस्तावित विकास पर करीब ₹10,000 करोड़ का खर्च आएगा, जबकि पूरे राज्य में इसका बजट और भी विशाल होगा।

किसानों के हक़ की लड़ाई

इस फैसले के बाद किसानों के चेहरों पर राहत की झलक साफ़ देखी जा सकती है। उनके लिए यह सिर्फ ज़मीन का मामला नहीं था, बल्कि अपनी पहचान, आजीविका और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने की जंग थी।Land Pooling Policy

डिस्क्लेमर: इस लेख का उद्देश्य केवल समाचार को सरल और मानवीय भाषा में प्रस्तुत करना है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों और अदालती टिप्पणियों पर आधारित है।

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Rishant Verma