Mansa Devi Temple :में मातम – भगदड़ ने छीन ली 6 श्रद्धालुओं की सांसें, हरिद्वार हुआ ग़मगीन

Mansa Devi Temple : हरिद्वार की पवित्र धरती पर हर साल श्रावण महीने में श्रद्धालुओं का मेला लगता है। मन में आस्था लिए लाखों लोग हर की पैड़ी और मां मंसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। लेकिन इस बार की यात्रा कुछ लोगों के लिए कभी न भूलने वाला दर्द बन गई। रविवार की सुबह, जब भक्तजन अपने अराध्य के दर्शन के लिए मंदिर की ओर बढ़ रहे थे, तभी अफरा-तफरी मच गई। महज कुछ ही पलों में वहां चीख-पुकार गूंजने लगी और एक दर्दनाक हादसा सामने आया।

अफवाह बनी हादसे की वजह, पलभर में मच गई भगदड़

सुबह करीब 8:30 बजे के आसपास मंदिर के रास्ते में एक अफवाह उड़ी कि ऊपर से गुजर रही बिजली की तार टूटकर नीचे गिर गई है। बस, फिर क्या था – वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। लोगों ने डर के मारे भागना शुरू कर दिया और इस भगदड़ ने देखते ही देखते 6 लोगों की जान ले ली, जबकि दर्जनों घायल हो गए।Mansa Devi Temple

प्रशासन की तत्परता से शुरू हुआ राहत कार्य

हरिद्वार के एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने जानकारी दी कि जैसे ही पुलिस को घटना की सूचना मिली, तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। करीब 35 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से 6 को मृत घोषित कर दिया गया। बाकी सभी का इलाज जारी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भगदड़ एक अफवाह के कारण मची थी – यह अफवाह थी कि मंदिर की सीढ़ियों से लगभग 100 मीटर दूर बिजली का करंट फैला हुआ है।

मुख्यमंत्री ने जताया दुख, रेस्क्यू ऑपरेशन पर रखी नजर

घटना के तुरंत बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के ज़रिए जानकारी दी कि SDRF, स्थानीय पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंच चुके हैं और रेस्क्यू कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वह स्वयं प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं और स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है।

भीड़ नियंत्रण पर फिर उठे सवाल

श्रावण महीने में हरिद्वार श्रद्धालुओं से भर जाता है। मंसा देवी मंदिर और हर की पैड़ी जैसी जगहों पर इतनी भीड़ उमड़ती है कि कभी-कभी हालात नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। इस बार की घटना ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतज़ामों की पोल खोल दी है। श्रद्धा के नाम पर लाखों लोग आते हैं, लेकिन जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो सवाल खड़े होते हैं – क्या भीड़ नियंत्रण के नियमों को और सख्त नहीं किया जाना चाहिए?

श्रद्धालुओं के परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़

मंसा देवी मंदिर हादसे ने कई परिवारों को गहरे दर्द में डुबो दिया है। जो लोग सुबह मनोकामनाएं लेकर मंदिर पहुंचे थे, उन्हें यह अंदाज़ा भी नहीं था कि कुछ की वापसी अब कभी नहीं होगी। श्रद्धा के इस सफर में अचानक आया यह तूफान लोगों की आंखों में आंसू और दिल में सदमा छोड़ गया है।Mansa Devi Temple

डिस्क्लेमर: यह लेख हादसे से जुड़ी खबरों और प्रशासनिक बयानों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी समाचार स्रोतों से प्राप्त हुई है। कृपया किसी भी आधिकारिक पुष्टि या जानकारी के लिए संबंधित सरकारी एजेंसियों और प्रशासन से संपर्क करें। लेखक का उद्देश्य केवल पाठकों को सूचित करना है, न कि किसी भी भावना को ठेस पहुंचाना।

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Rishant Verma