Rakhi Muhurat :भाई-बहन के प्यार और स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि रिश्तों में अटूट विश्वास, स्नेह और सुरक्षा का वचन देने का दिन है। बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं, जबकि भाई उन्हें जीवनभर रक्षा का वचन देता है। इस साल रक्षाबंधन का पर्व और भी खास है क्योंकि इसमें शुभ मुहूर्त और योगों का अद्भुत संयोग बन रहा है।
रक्षाबंधन की तिथि और महत्व
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:21 बजे समाप्त होगी। इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा, क्योंकि यह 8 अगस्त की दोपहर से शुरू होकर 9 अगस्त की सुबह 1:52 बजे समाप्त हो जाएगी, यानी राखी बांधने के समय कोई बाधा नहीं होगी।
राहुकाल और शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन के दिन राहुकाल सुबह 9:07 से 10:47 बजे तक रहेगा। इस समय में राखी बांधने से बचना शुभ माना जाता है। बहनें सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं, बस राहुकाल के समय को छोड़कर। इसके अलावा सुबह 4:22 से 5:04 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त का संयोग रहेगा और सुबह से दोपहर 2:23 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा, जो इस पर्व को और अधिक मंगलकारी बनाएगा।
ग्रहों का विशेष संयोग
इस रक्षाबंधन पर ग्रहों की स्थिति भी शुभ संयोग बना रही है। शनि मीन में, सूर्य कर्क में, चंद्रमा मकर में, बुध कर्क में, गुरु और शुक्र मिथुन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह राशि में रहेंगे। ये ग्रह स्थिति जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का संकेत देती है।
रक्षाबंधन की पूजन विधि
त्योहार के दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें और एक थाली में रोली, अक्षत, दही, राखी और मिठाई रखें। शुद्ध घी का दीपक जलाकर पूजन शुरू करें। भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बैठाएं, तिलक करें, राखी बांधें, आरती उतारें और मिठाई खिलाएं। इस दौरान मन में भाई की तरक्की और खुशियों की प्रार्थना करें।
रक्षाबंधन का यह अवसर न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि परिवार और समाज में भी प्रेम और एकजुटता का संदेश फैलाता है। इस बार का पर्व शुभ योगों और मंगलकारी संयोगों से भरपूर है, इसलिए इसे पूरे उत्साह और प्रेम से मनाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित है, जिसका उद्देश्य केवल सांस्कृतिक जानकारी प्रदान करना है। इसके प्रति आपकी व्यक्तिगत मान्यता भिन्न हो सकती है।
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