Raksha Bandhan 2025: राखी का त्योहार न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते की मिठास बढ़ाता है, बल्कि हर साल एक नई उम्मीद, एक नई ऊर्जा भी लेकर आता है। साल 2025 में रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा और इस बार का रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि एक दिव्य अवसर बनने जा रहा है। इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की ऐसी दुर्लभ स्थिति बन रही है जो वर्षों में एक बार ही दिखाई देती है। ऐसे में इस बार की राखी न केवल रिश्तों में मजबूती लाएगी, बल्कि कुछ खास राशियों के लिए सौभाग्य का दरवाजा भी खोल सकती है।
इस बार रक्षाबंधन पर बना है शुभ संयोग
2025 में रक्षाबंधन सावन महीने की पूर्णिमा को पड़ रहा है, और इसी दिन बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग का संयोग। ये दोनों योग बेहद शुभ माने जाते हैं और इनका साथ आना किसी त्योहार को और भी खास बना देता है। खास बात यह है कि इस दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा, जो कि राखी बांधने के लिए एक बेहद शुभ संकेत है।
रक्षाबंधन 2025 को लेकर शुभ मुहूर्त और तिथि निम्नलिखित हैं:-
तारीख
- शनिवार, 9 अगस्त 2025
- रक्षा बंधन तिथि (पूर्णिमा तिथि) शुरू:
- 9 अगस्त 2025 को सुबह 10:45 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त
- 10 अगस्त 2025 को सुबह 08:57 बजे
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Thread Ceremony Timing)
- 9 अगस्त 2025 को दोपहर 01:32 बजे से शाम 07:12 बजे तक (लगभग 5 घंटे 40 मिनट का शुभ समय)
भद्रा काल
- इस वर्ष भद्रा काल नहीं है, यानी आप पूरे मुहूर्त में राखी बांध सकती हैं।
ग्रहों की अनोखी स्थिति से बढ़ेगा पर्व का महत्व
रक्षाबंधन 2025 को सूर्य कर्क राशि में और न्याय के देवता शनि मीन राशि में स्थित रहेंगे। वहीं मन के स्वामी चंद्रमा मकर में रहेंगे, जिससे भाई-बहन के रिश्ते में भावनात्मक गहराई और समझदारी और भी बढ़ेगी। बुध ग्रह कर्क में और गुरु तथा शुक्र मिथुन में रहेंगे, जो पारिवारिक सौहार्द और आर्थिक समृद्धि का संकेत देंगे। राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में होंगे, जिससे मानसिक स्थिरता और आत्मबल को बल मिलेगा।
इन राशियों पर बरसेगा विशेष आशीर्वाद
ज्योतिष के अनुसार, इस दिव्य योग का सबसे ज्यादा लाभ कुछ राशियों को मिलेगा। उनके लिए यह रक्षाबंधन नए अवसर, सफलता और जीवन में संतुलन लेकर आ सकता है। इस वर्ष की राखी केवल प्रेम और रक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि सकारात्मक बदलावों की शुरुआत भी हो सकती है।
रक्षाबंधन 2025 बनेगा यादगार
इस साल की राखी सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि एक आत्मिक ऊर्जा का पर्व बनकर आएगी। जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी, तो आशीर्वाद के साथ-साथ ग्रहों की शुभ स्थिति भी उनका साथ देगी। परिवार में प्रेम, विश्वास और सुख-समृद्धि का वातावरण बनेगा।
Disclaimer: यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं और सामाजिक आस्थाओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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