S-400 का कमाल: भारत ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा हवाई रिकॉर्ड

S-400: जब दो पड़ोसी देशों के बीच तनाव चरम पर हो और आसमान में लड़ाकू जेट गरज रहे हों, तो हर गोली, हर मिसाइल और हर विमान की कहानी इतिहास का हिस्सा बन जाती है। ऐसा ही हुआ इस साल मई में, जब भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों का सबसे गंभीर सैन्य टकराव हुआ। अब महीनों बाद, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल ए.पी. सिंह ने पहली बार इस घटना पर बड़ा बयान दिया है।

S-400 सिस्टम से बना ऐतिहासिक रिकॉर्ड

बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान एयर चीफ़ ने बताया कि भारत ने मई में पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमान और एक बड़ा सैन्य विमान मार गिराया था। उन्होंने कहा कि इनमें से ज़्यादातर विमानों को रूस निर्मित S-400 सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम से निशाना बनाया गया। इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डेटा ने इन हमलों की पुष्टि की है।S-400

उन्होंने बताया कि जो बड़ा सैन्य विमान गिराया गया, वह संभवतः एक निगरानी विमान था, जिसे 300 किलोमीटर दूर से मार गिराया गया। यह अब तक का सबसे लंबी दूरी से किया गया सरफेस-टू-एयर किल रिकॉर्ड है, जिसे सुनकर कार्यक्रम में मौजूद वायुसेना अधिकारी, पूर्व सैनिक और सरकारी व औद्योगिक प्रतिनिधि तालियां बजाने लगे।

पाकिस्तान की चुप्पी और दावे

पाकिस्तान की सेना ने इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि एयर चीफ़ ने स्पष्ट किया कि हवाई हमलों में एक और निगरानी विमान और पाकिस्तान के दो एयरबेस पर खड़े कुछ F-16 लड़ाकू विमानों को भी नुकसान पहुंचाया गया।

पाकिस्तान का दावा है कि 7 से 10 मई के बीच हुई इस झड़प में उसने भारत के छह विमान गिराए, जिनमें एक फ्रेंच निर्मित राफेल फाइटर भी शामिल है। भारत ने कुछ हानि स्वीकार की है, लेकिन छह विमानों के गिराए जाने से इनकार किया है। इस बीच, फ्रांस के एयर चीफ़ जनरल जेरोम बेलांगर का कहना है कि उन्हें भारत के तीन लड़ाकू विमानों, जिनमें एक राफेल भी शामिल है, के नुकसान का सबूत मिला है। भारतीय वायुसेना ने इस दावे पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

युद्ध के बाद भी जारी है बयानबाज़ी

मई का यह संघर्ष सिर्फ सैन्य ताकत का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि इसमें तकनीक, रणनीति और अंतरराष्ट्रीय राजनीति भी शामिल थी। S-400 जैसी आधुनिक मिसाइल प्रणालियों का इस्तेमाल यह दिखाता है कि आधुनिक युद्ध में दूरी और समय दोनों का महत्व बदल चुका है। अब यह टकराव सिर्फ युद्धक्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि कूटनीतिक मंचों और मीडिया के जरिए भी जारी है।S-400

अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सभी जानकारियां आधिकारिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। किसी भी प्रकार के सैन्य दावे या आंकड़ों की स्वतंत्र पुष्टि आवश्यक है।

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Rishant Verma