TCS :42,000 नौकरियों की उम्मीद अभी भी जिंदा – TCS ने बताया क्यों नहीं रुकेगी भर्ती!

TCS भर्ती पर बड़ा बयान: तिमाही रेवेन्यू से नहीं जुड़ी भर्तियां, सालाना प्लानिंग पर रहेगा फोकस

TCS :जब देश की सबसे बड़ी IT कंपनी कुछ कहती है, तो सिर्फ निवेशक ही नहीं बल्कि लाखों युवा प्रोफेशनल्स भी ध्यान से सुनते हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 10 जुलाई को एक ऐसा ही अहम बयान दिया, जिससे भविष्य में नौकरी की उम्मीद लगाए बैठें युवाओं को राहत और हौसला दोनों मिल सकता है।

भर्ती और रेवेन्यू ग्रोथ का सीधा संबंध नहीं: टीसीएस

कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) मिलिंद लकड़ ने Q1FY26 के नतीजों की घोषणा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि भर्तियों को तिमाही रेवेन्यू से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “Hiring को क्वार्टरली ग्रोथ से नहीं जोड़ना चाहिए, हम सालाना वर्कफोर्स प्लानिंग के हिसाब से भर्तियों का फैसला करते हैं।”

यह बयान उस सवाल के जवाब में आया जब उनसे पूछा गया कि कंपनी 42,000 से अधिक फ्रेशर्स को भर्ती करने की योजना पर पुनर्विचार करेगी या नहीं, क्योंकि कंपनी की तिमाही आय उम्मीद से कम रही।TCS

शुरुआती तेजी से आई कुछ दिक्कतें, पर अब रणनीति स्पष्ट

लकड़ ने यह भी बताया कि कंपनी ने पिछले समय में काफी आक्रामक रूप से भर्ती की थी, जिससे कुछ समय के लिए बिजनेस में असंतुलन आया। हालांकि अब उस स्थिति से सबक लेकर कंपनी उसे एक अवसर की तरह देख रही है और आगे उसका लाभ उठाने की तैयारी में है।

CEO का बयान: डिमांड है, लेकिन अनिश्चितता भी

टीसीएस के सीईओ के. कृतिवासन ने भी इस मौके पर बताया कि बाजार में पेंडिंग डिमांड जरूर है, लेकिन मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते निवेशक और क्लाइंट्स थोड़ा सतर्क हैं। इससे फैसले लेने में समय लग रहा है।

वेतन वृद्धि पर कोई अंतिम निर्णय नहीं

वेतन वृद्धि को लेकर लकड़ ने बताया कि कंपनी ने अभी तक इस साल के सैलरी हाइक पर कोई फाइनल फैसला नहीं लिया है। अप्रैल में Q4 नतीजों के समय भी उन्होंने यही कहा था कि बिजनेस वातावरण को देखते हुए साल के दौरान ही निर्णय लिया जाएगा।TCS

जब उम्मीदों से आगे निकले नतीजे

कंपनी का अप्रैल-जून तिमाही में नेट प्रॉफिट 6% की साल-दर-साल वृद्धि के साथ ₹12,760 करोड़ पहुंचा, जो स्ट्रीट के अनुमान से कहीं बेहतर रहा। ब्लूमबर्ग के एक सर्वे में ₹12,263 करोड़ की अपेक्षा जताई गई थी। वहीं कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू (TCV) $9.4 बिलियन रही, जो चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद डील क्लोजिंग की मजबूती दिखाती है।

निष्कर्ष:

टीसीएस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी की हायरिंग रणनीति शॉर्ट टर्म आंकड़ों से नहीं, बल्कि लॉन्ग टर्म विजन से जुड़ी हुई है। इस बयान से उन युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी, जो टीसीएस जैसी कंपनियों में अपना भविष्य देख रहे हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सार्वजनिक बयानों पर आधारित है। नौकरी, वेतन या बिजनेस निर्णयों से पहले आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित अधिकारियों से पुष्टि अवश्य करें।

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