Ukraine Conflict: दुनिया में जब भी संघर्ष और युद्ध की खबरें आती हैं, तो हर किसी की दिल में बस एक ही ख्वाहिश होती है—शांति और सुरक्षा। इसी कड़ी में भारत ने फिर एक बार अपने शांतिप्रिय दृष्टिकोण को सामने रखा है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर बात की, जिसमें उन्होंने यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
भारत का शांति के प्रति अडिग रुख
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ेलेंस्की का धन्यवाद किया कि उन्होंने हालिया घटनाओं पर अपनी दृष्टि साझा की। पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि भारत शांति की बहाली के प्रयासों का समर्थन करता है और इस दिशा में हर संभव मदद देने को तैयार है। दोनों नेताओं ने भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और सहयोग बढ़ाने के संभावित रास्तों पर चर्चा की।
ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया और भारत की भूमिका
बातचीत के बाद ज़ेलेंस्की ने कहा कि भारत रूस को संदेश देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि युद्ध का अंत तत्काल आत्मसमर्पण और शांतिपूर्ण वार्ता के बिना संभव नहीं। उन्होंने पीएम मोदी को रूस के साथ अपने वार्ता प्रयासों के बारे में जानकारी दी और बताया कि उनके हालिया संवाद में यूरोपीय नेताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी विचार साझा किए गए।
ज़ेलेंस्की ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस की ओर से सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं, बल्कि नागरिकों पर हमले और हत्याओं की घटनाएं बढ़ीं हैं। इसके बावजूद उन्होंने भारत के शांति प्रयासों की सराहना की और कहा कि दोनों नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले अपने दृष्टिकोण को समन्वित किया है।
द्विपक्षीय संबंधों और भविष्य की योजनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ेलेंस्की को अपने पत्र में धन्यवाद दिया और भारत के स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएँ स्वीकार करने के लिए आभार व्यक्त किया। मोदी ने अपने पत्र में कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है और यूक्रेन संकट का शांतिपूर्ण समाधान संवाद और कूटनीति के माध्यम से संभव है। साथ ही उन्होंने दोनों देशों के साझा हितों और सहयोग को और मजबूत करने की इच्छा जताई। इस महत्वपूर्ण वार्ता से यह संदेश भी गया कि भारत ने वैश्विक स्तर पर शांति, कूटनीति और सहयोग को हमेशा प्राथमिकता दी है और वह यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
Disclaimer:यह लेख केवल जानकारी और समाचार उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। इसमें व्यक्त राय और विवरण प्रधानमंत्री कार्यालय और विशेषज्ञों के बयान पर आधारित हैं। वास्तविक नीति निर्णय या अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक कदमों के लिए आधिकारिक स्रोतों और योग्य सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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