Vishwamitri River: लगातार हो रही बारिश ने वडोदरा और आसपास के इलाकों की धड़कनें तेज़ कर दी हैं। लोग अभी भी पिछले साल अगस्त 2024 की बाढ़ को भूले नहीं हैं, ऐसे में विष्वामित्री नदी का जलस्तर बढ़ते ही लोगों में चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। शनिवार को काला घोड़ा ब्रिज पर नदी का स्तर 20 फीट के करीब पहुंच गया, जिसे वडोदरा में बाढ़ की स्थिति का पैमाना माना जाता है। हालांकि नगर निगम ने लोगों को आश्वस्त किया है कि हालात फिलहाल काबू में हैं और यह स्थिति जलाशयों से नियंत्रित पानी छोड़े जाने की वजह से है।
अजवा डैम से छोड़ा गया पानी, शहर में अलर्ट
वडोदरा नगर निगम (VMC) ने बताया कि अजवा जलाशय से करीब 6600 क्यूसेक और प्रतापपुरा से 2000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण नदी का स्तर बढ़ा है। दोपहर तीन बजे तक जलस्तर 19 फीट तक पहुंच गया था। नगर आयुक्त अरुण महेश बाबू ने कहा कि यह कदम बाढ़ नियंत्रण योजना का हिस्सा है और अजवा का स्तर घटाने के लिए पानी छोड़ा जा रहा है।
किनारे के इलाकों में सतर्कता
विष्वामित्री किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। सबहनपुरा, तारसाली और वडसर जैसे इलाकों में जलभराव देखा गया। वहीं, कोटेश्वर रोड का एक हिस्सा rising water के चलते बंद करना पड़ा। प्रशासन ने लाउडस्पीकर से घोषणा कर लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट होने को कहा।
“स्थिति चिंताजनक नहीं है” – नगर आयुक्त
नगर आयुक्त ने बताया कि बारिश जरूर तेज़ हुई है और चंद्रमा की पूर्णिमा के चलते समुद्र में पानी जाने की रफ्तार कम हुई है, लेकिन इस बार प्री-मॉनसून में नालों की सफाई और नदी की गाद निकासी ने स्थिति को बेहतर बनाया है। उनका कहना है कि “तुलना में पिछले साल से कहीं ज्यादा पानी बरसा है, फिर भी हमने सफलतापूर्वक ड्रेनेज किया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।”
नर्मदा और महीसागर का बढ़ता जलस्तर
उधर, नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। सरदार सरोवर डैम के 15 गेट खुले हैं और करीब 3.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। भरूच के गोल्डन गेट पर नर्मदा का स्तर 28 फीट पार कर गया, जबकि अंकलेश्वर में पानी भरने की स्थिति बनी।
महीसागर नदी में कडाना और पनम डैम से छोड़े गए पानी ने भारी उफान ला दिया है। खेड़ा जिले में सबरमती का स्तर भी बढ़ा हुआ है। जिला प्रशासन ने गांवों के लोगों से नदी के किनारे न जाने और सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है।
लोगों की चिंता और प्रशासन की तैयारी
लोगों में पिछले साल की यादें ताज़ा होने से चिंता बनी हुई है, लेकिन प्रशासन लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए है। अजवा डैम और नालों की स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और आपात स्थिति में राहत दलों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
डिस्क्लेमर: यह खबर मौसम और प्रशासन से मिली आधिकारिक जानकारी पर आधारित है। यहां दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल लोगों को जागरूक करना है। कृपया स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन अवश्य करें।
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