गुजरात में मॉनसून का कहर: भारी बारिश, भूस्खलन और ऑरेंज अलर्ट ने बढ़ाई चिंता
Weather Today : गुजरात में इन दिनों आसमान से आफत बरस रही है। तेज़ बारिश, भूस्खलन और कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट ने आम जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जून की शुरुआत के साथ ही मॉनसून ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है, और अब राज्यभर में मौसम का मिजाज बिगड़ता जा रहा है। भारी बारिश ने न सिर्फ जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि कई क्षेत्रों में जलभराव और सड़कें बंद होने जैसी समस्याएं भी सामने आने लगी हैं।
एक के बाद एक सिस्टम्स से और तेज़ हुआ मानसून
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस भीषण बारिश के पीछे एक नहीं, बल्कि कई वजहें हैं। उत्तर प्रदेश के ऊपर बना चक्रवाती सिस्टम, जो पिछले लो-प्रेशर एरिया का बचा हुआ हिस्सा है, अब भी सक्रिय है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी और गंगा के मैदानी इलाकों में एक नया चक्रवातीय घेरा बन रहा है, जो अगले 48 घंटों में और ताकतवर हो सकता है। इन सिस्टम्स की वजह से दक्षिण गुजरात के तटीय इलाकों में मॉनसून की हवाएं और भी तेज़ हो गई हैं।
सूरत जैसे प्रमुख शहर में सुबह 51 मिमी बारिश दर्ज की गई, और दोपहर 2:30 बजे तक 58 मिमी और बारिश हुई। सूरत, वापी, वलसाड, नवसारी और भरूच जैसे इलाकों में अगले 48 घंटे तक इसी तरह की मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
अगले कुछ घंटे बेहद अहम, स्काइमेट का अलर्ट
मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर ने गुजरात के कई ज़िलों के लिए चेतावनी जारी की है। अगले 4 से 6 घंटे राज्य के लिए बेहद अहम बताए जा रहे हैं। अहमदाबाद, गांधीनगर, बनासकांठा, नवसारी, वडोदरा, भरूच, तापी, अमरेली, और मेहसाणा जैसे जिलों में तेज़ हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने की आशंका है। हवाएं 30–40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
भूस्खलन और जलभराव से बिगड़े हालात
बनासकांठा जिले में भारी बारिश के कारण अंबा घाटा-डांटा रोड पर भूस्खलन हो गया, जिससे चार लेन की सड़क में से एक लेन पूरी तरह से बंद हो गई थी। यहां पिछले 24 घंटों में 226 मिमी बारिश दर्ज की गई। अमीरगढ़ में सिर्फ चार घंटे में 127 मिमी बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में जलभराव हो गया। प्रशासन की तत्परता से रास्ते को जल्द ही दोबारा खोला गया।
रविवार सुबह 6 बजे तक राज्य के 147 तालुकों में बारिश दर्ज की गई। अब तक गुजरात में 16% सीजनल औसत बारिश हो चुकी है, जिसमें सौराष्ट्र सबसे आगे है (20.5%), उसके बाद कच्छ (17.57%), पूर्व-मध्य गुजरात (17.45%) और उत्तर गुजरात (13.75%) हैं।
डैम अलर्ट और जलस्तर में वृद्धि
भारी बारिश के चलते 14 डैम हाई अलर्ट पर हैं, 9 अलर्ट मोड में हैं और 11 डैम वॉर्निंग मोड में हैं। 8 डैम पूरी तरह से भर चुके हैं, 99 डैम 25% तक भरे हैं और 57 डैम में 25-50% तक पानी है। इससे पता चलता है कि स्थिति कितनी गंभीर होती जा रही है।
28 जून तक भारी बारिश का खतरा, राहत दल तैनात
मौसम विभाग ने 26 जून तक ऑरेंज अलर्ट और 28 जून तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पाकिस्तान से लेकर गंगा के मैदान तक फैले ट्रफ और मध्य भारत पर बने चक्रवातीय सिस्टम की वजह से मॉनसून की धारा में और भी तेजी आई है। जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, राजकोट, वलसाड, सूरत और नवसारी जैसे क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई है।
उदाहरण के तौर पर:
-कालावड़ (जामनगर): 110 मिमी
– केशोद (जूनागढ़): 97 मिमी
– कुटियाणा (पोरबंदर): 93 मिमी
– पद्धरी (राजकोट): 90 मिमी
– उमरपाड़ा (सूरत): 50 मिमी
राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है। सभी ज़िलों में कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय हैं। NDRF और SDRF की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात की गई हैं। स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और बिजली विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि जल निकासी, राहत और बचाव कार्य, और आवश्यक सेवाओं की बहाली पर तुरंत कार्यवाही करें।
सावधानी ही सुरक्षा: जनता को सलाह
स्काइमेट और मौसम विभाग ने राज्यवासियों से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी एडवायज़री का पालन करें, अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन पर संपर्क करें। बारिश अभी और तेज़ हो सकती है, इसलिए सजग रहना और सतर्कता बरतना ही समझदारी है।
Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मौसम संबंधी जानकारी और समाचार स्रोतों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि वे स्थानीय प्रशासन और आधिकारिक मौसम एजेंसियों द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। यह लेख किसी भी तरह की आपदा में अंतिम सलाह नहीं माना जाए।
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