Yamunanagar :पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने हरियाणा के कई इलाकों में लोगों की नींद छीन ली है। यमुनानगर में हालात सबसे ज्यादा गंभीर बने हुए हैं, जहां यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। सोमवार को पानी का दबाव इतना बढ़ा कि हथिनीकुंड बैराज के गेट खोलने पड़े। इस अचानक बढ़े जलप्रवाह ने न केवल प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि गांव-गांव में रहने वाले लोगों के दिलों में भी डर का माहौल बना दिया है।
यमुना का जलस्तर इस सीजन में सबसे ज्यादा
सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, हथिनीकुंड बैराज से होकर बहने वाला पानी 3.29 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया, जो इस मानसून का अब तक का सबसे बड़ा स्तर है। विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय गर्ग ने बताया कि 2.5 लाख क्यूसेक से ज्यादा बहाव को “हाई फ्लड” यानी बड़ी बाढ़ की स्थिति माना जाता है। ऐसे में यह साफ है कि खतरा बहुत बढ़ गया है और प्रशासन को हर पल सतर्क रहना पड़ रहा है।
दिल्ली तक पहुंच सकता है पानी
विशेषज्ञों का कहना है कि हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी आमतौर पर 48 घंटे में दिल्ली पहुंचता है। इस कारण न केवल हरियाणा, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। यमुनानगर और आसपास के जिलों में बसे गांवों पर कड़ी नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
बारिश से बेहाल हरियाणा और पंजाब
सोमवार को हरियाणा के कई हिस्सों—पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में मूसलाधार बारिश हुई। वहीं पड़ोसी पंजाब में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सतलुज, ब्यास और रावी नदियां तथा मौसमी नाले उफान पर हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के बाद वहां से बहकर आया पानी निचले इलाकों के लिए खतरा बन गया है।
सरकार ने दिए सख्त निर्देश
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साफ किया है कि उनकी सरकार पूरी तरह अलर्ट पर है। उन्होंने राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों को आदेश दिया है कि नदियों के किनारे बसे गांवों, बस्तियों और कॉलोनियों पर खास नजर रखी जाए। इसके साथ ही पहले से ठोस कार्ययोजना तैयार रखने को भी कहा गया है, ताकि किसी भी आपदा का सामना समय रहते किया जा सके।
खतरे की घड़ी में एकजुटता की ज़रूरत
इस वक्त हालात हमें यह सिखाते हैं कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय हो सकता है। लेकिन साथ ही, एकजुट होकर और सतर्क रहकर हम बड़े नुकसान को टाल सकते हैं। यमुना के किनारे बसे लोगों से अपील है कि वे प्रशासन की सलाह का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियां मौसम विभाग और सरकारी रिपोर्टों पर आधारित हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों की आधिकारिक सलाह पर ही भरोसा करें।
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